तेलंगाना में रविवार को मतगणना के रुझानों में कांग्रेस के आगे होने पर पार्टी में जश्‍न शुरू हो गया है. तेलंगाना में कांग्रेस ने BRS (भारत राष्ट्र समिति) से सत्ता हासिल की. इसी बीच कांग्रेस के राज्य पार्टी प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि शहीदों और राज्य के चार करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय आ गया है. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के अध्यक्ष ने श्रीकांत चारी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आत्‍मदाह करने वाले पहले लोगों में से थे. नलगोंडा जिले के फार्माकोलॉजी के छात्र चारी की 3 दिसंबर 2009 को जलने से मौत हो गई थी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शहीदों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय

मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रेवंत रेड्डी ने 'एक्स' के माध्यम से चारी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने तेलंगाना की आकांक्षाओं को सबसे ऊपर रखा. उन शहीदों को साधुवाद जिन्होंने तेलंगाना की आकांक्षाओं को आसमान में ऊंचा रखा. उनकी और चार करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय आ गया है. 30 नवंबर को मतदान संपन्न होने के बाद, रेवंत रेड्डी ने कहा कि इसी दिन चारी ने खुद को आग लगा ली थी और 3 दिसंबर को उनकी मौत हो गई थी.

.#Srikantachary #Telangana #Martyr pic.twitter.com/juCnioj70j

9 दिसंबर को शपथ 

कांग्रेस नेता ने भविष्यवाणी की थी कि पार्टी शहीदों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सत्ता में आएगी. चारी के आत्मदाह ने आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के विभाजन के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. 9 दिसंबर 2009 को केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी. रेवंत रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री 9 दिसंबर को शपथ लेंगे, जो पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्मदिन भी है.

ECI के आधिकारिक आंकड़े जारी

तेलंगाना में BRS 41  सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है. यहां कांग्रेस ने 63 सीटों के साथ पहले नंबर पर है. इसके साथ ही बीजेपी 8, एआईएमआईएम 4, सीपीआई 1, अन्य 2 सीटों पर आगे. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी के आवास और गांधी भवन में पार्टी मुख्यालय में बड़ा जश्न देखा गया. कांग्रेस समर्थक मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रेवंत रेड्डी के आवास के बाहर ढोल-नगाड़ों के बीच नाच रहे थे.