केंद्रीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने शुक्रवार (30 सितंबर, 2022) को अपनी अगली मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 सदस्यों ने दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया, जिसके बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने बेंचमार्क पॉलिसी रेट में 0.50% या 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है. इसके बाद रेपो रेट 5.40% से बढ़कर 5.90% हो गया है. इसके साथ ही आम आदमी के लिए लोन लेना और लोन की किस्तें चुकाना महंगा हो जाएगा. आइए जानते हैं आरबीआई गवर्नर ने आज के संबोधन में देश की इकोनॉमी और फाइनेंशियल मार्केट को लेकर क्या जरूरी बातें बताईं और क्या फोरकास्ट जारी किए-

RBI MPC के अहम नतीजे और कमेंट कुछ ऐसे हैं-

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1. बेकाबू महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने अपना अकोमेडेटिव रुख कायम रखा है और सीपीआई आरबीआई के लक्ष्य के ऊपर है, इसे देखते हुए रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाया गया है. इस बार फिर 50 बेसिस पॉइंट या 0.50% की बढ़ोतरी के साथ रेपो रेट 5.40% से बढ़कर 5.90% हो गया है.

2. गर्वनर ने कहा कि जियोपॉलिटिकल तनाव से ग्रोथ पर थोड़ा असर संभव है. सप्लाई की चिंता से महंगाई दर में बढ़ोतरी हो सकती है. ग्रामीण मांग में सुधार जारी है.

3. आरबीआई के अनुमान के मुताबिक FY23 Q3 में रियल GDP ग्रोथ 4.6% संभव है. FY24 Q1 में रियल GDP ग्रोथ 7.2% पर रह सकती है. FY24 के Q1 में महंगाई दर 5% संभव हो सकती है. 

4. FY23 का GDP अनुमान 7.2% से घटाकर 7% कर दिया गया है. वहीं, महंगाई को लेकर CPI (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) का अनुमान 6.7% पर कायम रखा गया है.

5. गवर्नर दास ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ आज भी सबसे बेहतर है, वहीं निवेश में भी बढ़ोतरी हो रही है. देश के पास पर्याप्त फोरेक्स रिजर्व बना हुआ है. रिजर्व बेहतर स्थिति में है.

6. रुपये की गिरावट को देखते हुए उन्होंने कहा कि रुपया एक फ्री फ्लोटिंग करेंसी है. रुपये की स्थिति दूसरे एमर्जिंग मार्केट से बेहतर है. दास ने कहा कि डॉलर की मजबूती की वजह से दुनिया भर की करेंसी पर दबाव बना हुआ है.

7. अब से केवल 14 दिन के VRRR ऑक्शन होंगे. 28 दिन के VRRR ऑक्शन को 14 दिनों में मर्ज कर दिया गया है. 

8. गवर्नर ने कहा कि बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी हुई है.  बाजार में नकदी है. फोकस कीमतों और वित्तीय स्थिरता लाने पर है.

9. बैंकों के लिए आरबीआई लोन लॉस प्रोविजनिंग पर डिस्कशन पेपर जारी करेगा. और स्ट्रेस्ड एसेट के सिक्योरिटाइजेशन के लिए फ्रेमवर्क लाया जाएगा.

10. फाइनेंशियल मार्केट में एक बड़ा बदलाव लाते हुए आरबीआई ने ऑफलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स को लेकर एक घोषणा की है. ऑफलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स को रेगुलेट करने का प्रस्ताव दिया गया है. अब उन्हें भी ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के लिए आरबीआई के रेगुलेशन नियम लागू होंगे.