RBI MPC Meeting: केंद्रीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक आज से शुरू हो चुकी है. ये मीटिंग 3 दिन चलेगी और बुधवार को मॉनेटरी पॉलिसी सामने आएगी. बुधवार को पता चलेगा कि RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट (Repo Rate) में कितने बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर सकता है. हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इस बार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर सकता है. बता दें कि रिटेल महंगाई घटती हुई नजर आ रही है. दिसंबर में हुई मॉनेटरी पॉलिसी बैठक (MPC) में सेंट्रल बैंक ने बेंचमार्क इंटरेस्ट रेप (Repo Rate) में 35 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. इससे पहले लगातार 3 बार 50-50 बेसिस प्वाइंट से रेपो रेट में इजाफा किया था. 

अब तक 225% तक हुई बढ़ोतरी

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पिछले साल मई महीने के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक ने शॉर्ट टर्म लैंडिंग रेट में 225 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है. महंगाई को काबू करने के लिए RBI ने ये कदम उठाया था. ये महंगाई रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद से पनपे ग्लोबल सप्लाई चेन की वजह से बढ़ी थी. 

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आज से शुरू RBI MPC

बता दें कि आज से RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) सोमवार यानी आज से शुरू हो रही है. ये 3 दिन चलेगी और पॉलिसी में लिया गया फैसला 8 फरवरी को सुनाया जाएगा. एक रिपोर्ट में कोटक सिक्योरिटीज इक्विटीज ने कहा कि ग्लोबल इंफ्लेशन एंवायरमेंट अब धीरे-धीरे कम हो रहा है सौम्य हो रहा है, हालांकि महंगाई अभी भी हर केंद्रीय बैंक के लक्ष्य के ऊपर बनी हुई है. 

कोटक सिक्योरिटीज इक्विटीज ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि RBI मॉनेटरी पॉलिसी में 25 बेसिस प्वाइंट का ही इजाफा कर सकता है और रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर सकता है. बता दें कि आरबीआई को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि महंगाई दर को 2 फीसदी के मार्जिन के साथ 4 फीसदी पर बनाए रखना है. हालांकि जनवरी 2022 से RBI महंगाई दर को लगातार 3 तिमाहियों से 6 फीसदी से नीचे रखने में विफल रहा है. 

होम लोन बढ़ने से सेक्टर पर नहीं पड़ेगा असर

Housing.Com के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल का मानना है कि RBI आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में रेपो रेट में मामूली बढ़ोतरी ही कर सकता है. हालांकि रियल एस्टेट डिमांड पर इसका असर कम देखने को मिल सकता है, क्योंकि होम लोन रेट्स में बढ़ोतरी के अलावा भी कई और फैक्टर्स हैं, जिसकी वजह से घर खरीदारी के फैसले बढ़ रहे हैं.