RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट में एक बार और इजाफा किया है. बैंक ने इस वित्त वर्ष की चौथी मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है और दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर का भी ऐलान किया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से महंगाई दर 6 फीसदी रहने की संभावना है. इसके अलावा आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा समय में महंगाई सभी सेक्टर के लिए चिंता का विषय है और सप्लाई की चिंता की वजह से महंगाई दर में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है. 

FY24 के Q1 में महंगाई दर 5% संभव

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इसके अलावा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने बयान में ये भी कहा कि वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में महंगाई दर 5 फीसदी रह सकती है. इसके अलावा मॉनसून के देरी से लौटने के कारण सब्जियों की कीमतों पर असर देखने को मिल सकता है, जो कि आम लोगों के लिए बड़ी खबर होगी. 

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार (30 सितंबर 2022) को बाई-मंथली मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी हो गया है. जोकि तीन साल में सबसे ज्‍यादा है. महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने एक बार फिर कर्ज महंगा करने का फैसला किया है. मई 2022 से अबतक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 190 बेसिस प्‍वाइंट (1.90 फीसदी) का इजाफा कर चुका है. 

महंगाई अभी भी चिंता का विषय

आरबीआई गवर्नर ने अपनी स्पीच में कहा कि रेपो रेट में इजाफा किया और अब रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी हो गई है. बता दें कि मॉनेटरी पॉलिसी के 6 मे से 5 सदस्य दरें बढ़ाने के पक्ष में थे. इस दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी भी सभी सेक्टर में महंगाई की चिंता बनी हुई है.