भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने बैंकों, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और अन्य रेगुलेटेड फाइनेंशियल सेक्टर एंटिटीज में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सर्विसेज की आउटसोर्सिंग के लिए डीटेल दिशानिर्देश जारी किए. आरबीआई (RBI)ने अपने दिशानिर्देश में कहा कि इन फाइनेंशियल एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा कि आईटी सर्विसेज (IT Services) के ऑपरेशन का जिम्मा किसी बाहरी एजेंसी को दिए जाने से उनके दायित्वों और ग्राहकों के प्रति जिम्मेदारियों में कोई कमी न आने पाए.

RBI की निगरानी में कोई कमी न आए

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिजर्व बैंक ने कहा, रेगुलेटेड एंटिटीज अपने कारोबारी मॉडल और उत्पादों और सेवाओं को समर्थन देने के लिए IT और IT एनेबल्ड सर्विसेज (ITeS) को बड़े पैमाने पर अपना रही हैं. इस बारे में व्यापक दिशानिर्देश जारी करने के पीछे यह सोच है कि आउटसोर्सिंग से इन एंटिटीज का ग्राहकों के प्रति दायित्व प्रभावित न हो और न ही उन पर केंद्रीय बैंक की प्रभावी निगरानी में कोई कमी आए.

ये भी पढ़ें- देश के सबसे बड़े एक्सचेंज ने 'डब्बा ट्रेडिंग' के खिलाफ निवेशकों को किया अलर्ट, कहा- गारंटीड रिटर्न का चक्कर पड़ेगा भारी

इसके लिए केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि आउटसोर्सिंग पर काम कर रही कंपनी भी सेवाओं के संबंध में उसी ऊंचे मानक का पालन करे जिस पर वह खुद चलता. इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि सर्विस प्रोवाइडर फर्म देश के भीतर है या बाहर.

1 अक्टूबर से लागू होगा नियम

हालांकि आरबीआई ने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को इन निर्देशों के अनुपालन के लिए पर्याप्त समय देते हुए कहा है कि ये मानक 1 अक्टूबर, 2023 से लागू होंगे. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों औक अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से आईटी सर्विसज को आउटसोर्स किए जाने की जरूरत का भी समीक्षा कर आकलन करने को कहा है.

ये भी पढ़ें- एक डिप्लोमा और हर महीने होने लगी लाखों की कमाई, जानिए केला, तरबूज ने कैसे बदल दी युवा किसान की जिंदगी

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें