Food Grains & Sugar Packaging: फूड ग्रेन और चीनी की अनिवार्य जूट पैकेजिंग के एक्सटेंशन का नोटिफिकेशन जारी किया गया है. फूड ग्रेंस की 100% और चीनी की 20% पैकिंग करना अनिवार्य कर दिया गया है. यह आदेश 30 जून, 2024 तक जारी रहेगा.  केन्द्रीय सरकार, स्थायी सलाहकार समिति की सिफारिशों पर विचार करने के बाद,जूट पैकेज सामग्री (वस्तु पैकिंग अनिवार्य प्रयोग) करने का आदेश दिया है. यह अधिनियम, 1987 (1987 का 10) की धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन, ऐसी वस्तुओं या वस्तुओं के वर्ग या उनमें से इतने प्रतिशत को 20% पैकिंग करना अनिवार्य होगा. स्थायी सलाहकार समिति का गठन केन्द्रीय सरकार ने उक्त अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (1) के अधीन जूट सामग्री में पैकेजिंग के मानकों की सिफारिश करने के लिए स्थायी सलाहकार समिति का गठन किया है. केन्द्रीय सरकार का स्थायी सलाहकार समिति द्वारा उसके द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार करने के पश्चात् यह समाधान हो जाता है कि जूट पैकेजिंग सामग्री में पैक किए जाने के लिए वस्तुओं या वस्तुओं के वर्ग या उसके प्रतिशत को स्पेसिफिक करना, कच्चे जूट और जूट , पैकेजिंग सामग्री के उत्पादन और इनके उत्पादन में लगे हुए व्यक्तियों के हित में आवश्यक है. इन अनाज को किया जाएगा शामिल इस अधिनियम के अधीन आरक्षण मानकों के लिए विचार किए जाने वाले खाद्यान्नों में चावल, धान और गेहूं शामिल किया जाएगा. जूट बैगों के वार्षिक उत्पादन का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करके मासिक आपूर्ति योजना को प्रभावित किए बिना, चावल, गेहूं और अंत में चीनी के संबंध में पारस्परिक प्राथमिकता के अनुरूप जूट बैग का उपयोग होगा, जिससे उक्त अधिनियम के अनुसार जूट उद्योग और इसके उत्पादन से जुड़े व्यक्तियों की सुरक्षा हो सके.

विभाग मॉनिटर करेगा हर कार्य  खाद्यान्नों की पैकिंग के लिए उपयोग किए गए जूट के थैलों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, मिलों द्वारा नए जूट के थैलों की अपर्याप्त आपूर्ति के मामले में, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग केवल जेम्पर प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से भारत में बनाए गए.  भारत में उत्पादित कच्चे जूट से बने ऐसे प्रयुक्त थैलों को पहले खरीदने के लिए एक उपयुक्त तंत्र (Appropriate system) तैयार कर सकेगा. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, जूट वर्ष 2023-24 के लिए खाद्यान्न की पैकिंग के लिए अपेक्षित जूट बैग की मात्रा का मंथ वाइज एस्टीमेट और नई जूट पैकेजिंग सामग्री की आपूर्ति या अन्य आवश्यकता में किसी भी कमी या व्यवधान के मामले में अग्रिम रूप से संचित करेगा. कपड़ा मंत्रालय, संबंधित उपयोगकर्ता मंत्रालयों और खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग और वस्त्र मंत्रालय के अधिकारियों वाली समिति, जिसे विचार और सिफारिश करने के लिए गठित किया गया है.