भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर लगातार आगे बढ़ रहा है. इस लक्ष्य को हासिल करने में तमाम क्षेत्रों का योगदान होगा. पर्यटन क्षेत्र की भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है. यही वजह है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई टूरिज्‍म पॉलिसी लाने की तैयारी में है. इसको लेकर एक बड़ा अपडेट मिला है. पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह के मुताबिक नई टूरिज़्म पॉलिसी का काम पूरा हो चुका है. बस कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार है. मंजूरी मिलने के बाद जल्‍द ही इसे जारी किया जाएगा.

ये हैं पांच प्राथमिकताएं

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भारत में पर्यटन क्षेत्र के कायाकल्प के लिए  लिए पांच प्राथमिकताएं तय की गई हैं. ये प्राथमिकताएं हैं - कौशल, हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, एमएसएमई और लोकल डेस्टिनेशन मैनेजमेंट. इसके अलावा रूरल, पुरातत्व, थीम, एडवेंचर, क्रूज और ग्रीन टूरिज्‍म पर फोकस रहेगा.  इसको आधार बना कर देश के अलग अलग हिस्सों में उसी हिसाब से Ecosystem विकसित किया जाएगा. 

नई टूरिज्‍म पॉलिसी लाने का मकसद

नई टूरिज्‍म पॉलिसी लाने का मकसद है कि भारत को 365 दिनों के लिए वैश्विक पर्यटन डेस्टिनेशन बनाया जा सके. ऐसे में भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन की संख्या काफी तेजी से बढ़ेगी और इससे पर्यटन से होने वाली विदेशी मुद्रा की कमाई में भी काफी इजाफा होगा. इसके लिए विज़न 2047 को ध्यान में रखते हुए पर्यटन नीति तैयार की गई है. 

ये है भारत सरकार का लक्ष्‍य

बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ट्रैवल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट इंडेक्स 2021 के मुताबिक भारत का रैंक 117 देशों में 54वां था. जबकि 2019 में ये रैंक 46वां था. भारत सरकार ने साल 2030 तक पर्यटन उद्योग के जरिए 56 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके साथ  ही पर्यटन में अगले 7 साल में करीब 14 करोड़ नौकरियां का सृजन करने का लक्ष्य रखा गया है.

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