चुनाव जो न कराए! कांग्रेस विधायक पत्नी से दूर खेत में रह रहे हैं BSP के उम्मीदवार कंकर मुंजारे
मध्य प्रदेश के बालाघाट में आगामी लोकसभा चुनावों (Loksabha Elections 2024) के चलते दो पति-पत्नी जोकि अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के सदस्य हैं, को अलग रहना पड़ रहा है.
चुनावों में आपको हमेशा दो-चार ऐसी अजब-गजब कहानियां सुनने को मिल जाती हैं, जिनको सुनकर ऐसा कहना पड़ता है कि चुनाव जो न कराए. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के बालाघाट में देखने को मिल रहा है, जहां पर आगामी लोकसभा चुनावों (Loksabha Elections 2024) के चलते दो पति-पत्नी जोकि अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के सदस्य हैं, को अलग रहना पड़ रहा है.
खेत में जाकर रह रहे हैं BSP प्रत्याशी
दरअसल, बालाघाट के पूर्व सांसद और बसपा के लोकसभा प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने 5 अप्रैल को अपना घर छोड़ दिया. वह लोकसभा चुनाव तक बालाघाट की कांग्रेस विधायक पत्नी अनुभा मुंजारे से अलग एक खेत में रहने चले गये हैं. पहले उन्होंने अपनी पत्नी को घर छोड़कर जाने को कहा था, लेकिन अनुभा ने यह कहते हुए जाने से मना कर दिया कि "मेरी डोली इसी घर में आई है और अर्थी भी यहीं से निकलेगी".
पेड़ के नीचे रह रहे हैं पूर्व सांसद
पूर्व सांसद ने अपने वाहन में अपना सामान रखकर अपने घर को 19 अप्रैल तक के लिए अलविदा कह दिया. वह बालाघाट से सात किलोमीटर दूर गांगुलपारा के पास खेत में पेड़ के नीचे मचान लगाकर रह रहे हैं और वहीं से चुनाव का संचालन कर रहे हैं. वह पिछले कई दिनों से विधायक पत्नी द्वारा कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी के समर्थन में किये जा रहे चुनावी प्रचार से खासे नाराज थे.
मुंजारे ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में वह भी प्रत्याशी हैं, ऐसे में एक ही घर में दो अलग-अलग पार्टियों के चुनावी कार्यक्रम तय नहीं हो सकते. पहले तो उन्होंने पत्नी को घर छोड़ने के लिए कहा, लेकिन उनके साफ-साफ मना करने के बाद बसपा प्रत्याशी को झुकना पड़ा.
कंकर मुंजारे ने कहा कि वह सिद्धातों पर चलने वाले नेता हैं, जो कहते हैं, करके दिखाते हैं. उन्होंने बताया कि वह 4 अप्रैल को ही चले जाते, लेकिन अनुभा मुंजारे कहीं बाहर गई थीं. उन्होंने कहा कि राजनीति में साफ-सुथरापन होना आवश्यक है.
पत्नी कर रहीं प्रतिद्वंद्वी का प्रचार
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी हवाला दिया जा रहा है कि उनकी पत्नी बालाघाट में अपने पति के विरोध में कांग्रेस की ओर से उतारे गए प्रत्याशी अशोक सिंह सारस्वर के समर्थन में खूब प्रचार कर रही हैं, जिसको लेकर मुंजारे चिंता जता चुके हैं.
बता दें कि कंकर मुंजारे तीन बार विधायक भी रह चुके हैं और 1989 के लोकसभा चुनावों में निर्दलीय विधायक के तौर पर जीत हासिल की थी. लेकिन उनकी पत्नी अनुभा मुंजारे पहली बार विधायक बनी हैं. लेकिन उन्होंने बालाघाट से बीजेपी के दिग्गज नेता और पांच बार के विधायक गौरीशंकर बिसेन को 2023 के चुनावों में बड़े अंतर से हराया था.