Lok Sabha Elections 2024: क्या अयोध्या में भाजपा को कोई चुनौती नहीं? हिंदुत्व की राजनीति हावी, जानिए क्या कहता है वोटर
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: लोकसभा चुनाव 2024 में अयोध्या की सीट हॉटसीट बनी हुई है. भाजपा ने लल्लू सिंह पर भरोसा जताया है. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर सपा को सपोर्ट किया है. जानिए अयोध्या सीट का क्या है समीकरण.
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: अयोध्या में बने राममंदिर का असर पूरे देश की सियासत पर पड़ने वाला है. क्या भाजपा के लिए यहां कोई चुनौती नहीं है? क्या अयोध्या के ताप के सहारे भाजपा चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है? जानकर बताते हैं कि मंदिर बन जाने के बाद इसकी लहर का बड़ा असर भाजपा के पक्ष में होने का अनुमान है. चुनावी परिणाम के आंकड़ों को देखें तो इस सीट पर देश की आजादी के बाद से अब तक फैजाबाद लोकसभा सीट पर सर्वाधिक कब्जा कांग्रेस पार्टी का रहा है.
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: कांग्रेस ने सात बार हासिल की थी जीत, भाजपा ने लल्लू सिंह पर जताया भरोसा
कांग्रेस ने अयोध्या सीट पर सात बार जीत दर्ज की है, जबकि दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी ने पांच बार इस सीट पर कब्जा किया है. इस बार भाजपा ने अपने दो बार के सांसद लल्लू सिंह पर भरोसा जताया है. वहीं सपा ने यहां पर 1998 में खाता खोला था। तब से जीत नसीब नहीं हो सकी. इस बार उन्होंने अपने नौ बार के विधायक अवधेश प्रसाद को मैदान में उतारा है. वह दलित समाज से आते हैं. वर्तमान में अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा से सपा के विधायक हैं.
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: 2004 में जीती थी बसपा, कांग्रेस करेगी समर्थन
बसपा ने भी 2004 में एक बार जीत का स्वाद चखा है. इस बार यहां सच्चिदानंद पांडेय को प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस सपा का ही समर्थन करेगी. राजनीतिक जानकर कहते हैं कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से ही फैजाबाद और अयोध्या में माहौल बदल गया है. इस बदले माहौल में हिंदुत्व की राजनीति हावी दिख रही है. मंदिर बन जाने के बाद चारों तरफ चर्चा इसी की हो रही है. अब 2024 के रण के लिए भाजपा, सपा और बसपा के साथ ही कांग्रेस भी तैयार हैं. इस बार यहां कांग्रेस और सपा गठबंधन साथ है. जबकि भाजपा और बसपा अकेले अकेले चुनाव मैदान में हैं.
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: 84 फीसदी हिंदू वोटर, 13 फीसदी मुस्लिम वोटर
फैजाबाद सीट को लेकर कहा जाता है कि यहां पर 84 फीसदी के करीब हिंदू वोटर हैं, जिसमें 26 प्रतिशत ओबीसी हैं, वहां भी यादवों की संख्या 13 फीसदी के करीब बताई जाती है. 13 प्रतिशत मुस्लिम समाज का वोट भी फैजाबाद से निकलता है. अयोध्या लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की पांच सीटें आती हैं. पांच विधानसभा सीटों में से अयोध्या, रुदौली व बीकापुर पर भाजपा एवं गोसाईंगंज व मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की। 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटें भाजपा ने जीती थीं.
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: हनुमान गढ़ी में चाय का स्टाल लगाने वाले ने कही ये बात
अयोध्या के हनुमान गढ़ी के पास चाय का स्टाल चलाने वाले विकास कहते हैं कि यहां मंदिर बन जाने के बाद मामला एकतरफा हो गया है. सपा और अन्य दलों को कोई नहीं पूछेगा. इसका असर पूरे देश में देखने को मिलेगा. क्योंकि यहां पर पूरे देश से आ रही भीड़ इस बात की गवाही दे रही है. प्रतियोगी छात्र कमल कहते हैं कि रोजगार के मुद्दे पर यह सरकार बहुत पीछे है। सरकारी नौकरी नहीं मिल रही है। जो भी पेपर दो, वह आउट हो जाता है. ऐसे में इस सरकार का क्या भरोसा.
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: धूपबत्ते बेचने वाली लक्ष्मी ने कहा- 'गुंडागर्दी हो गई है खत्म'
धूपबत्ती बेचने वाली लक्ष्मी कहती हैं कि यहां पर गुंडागर्दी खत्म हो गई है. महिलाओं को भी अवसर मिल रहे हैं. अयोध्या मे इतना सारा विकास हो रहा है। यहां से भाजपा ही जीतेगी. घाट के पुरोहित रामप्रकाश मिश्रा ने कहा, चुनाव में जातिवाद है, लेकिन अयोध्यावासी राम के नाम पर ही वोट करेंगे. अयोध्या में साधु-संत, महात्मा, ब्राह्मण, ठाकुर, व्यापारी सभी भाजपा को वोट देंगे. मोदी के नाम पर देंगे. फूल विक्रेता जगरूप कहते है,यहां भाजपा का मामला स्पष्ट है. केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अयोध्या में कई विकास कार्य शुरू हुए हैं. गुप्तार घाट से अयोध्या तक नहर, भव्य राममूर्ति की स्थापना और नई अयोध्या जैसी परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है.
Lok Sabha Elections 2024, Ayodhya Seat: नाविक मांझी ने कहा, 'बिजली, सीवर जैसे मुद्दों पर सरकार ने किया बेहतर काम'
नाविक रामू मांझी ने कहा कि बिजली, सीवर, शौचालय, आवास जैसे मुद्दों पर इस सरकार ने बेहतर काम किया है. अयोध्या की राजनीति को काफी नजदीक से देखने वाले अमोदकांत कहते हैं कि इस बार अयोध्या का असर पूरे देश में देखने को मिलेगा. यहां बना राममंदिर चुनाव में बड़ी कड़ी साबित होगा. भाजपा की लड़ाई में यह एक अहम मुद्दा है जो उसे सत्ता के शिखर पर आसानी से पहुंचा सकता है. विपक्ष चुनाव लड़ता उस ढंग से दिखाई नहीं दे रहा है. हां अवधेश प्रताप कई बार विधायक रहे हैं, वो सपा का बड़ा चेहरा हो सकते हैं, लेकिन उन्हें चुनाव में कितनी स्वीकार्यता मिलेगी, यह तो परिणाम बताएंगे.