Lok Sabha Election 2024: पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू, जानें चुनाव के लिए कैसे किया जाता है नॉमिनेशन
आज यानी 20 मार्च बुधवार से लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. 80 सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की भी 8 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होनी है. ऐसे में तमाम लोगों की नजर इस प्रक्रिया पर रहेगी. जानिए क्या है नॉमिनेशन और कैसे किया जाता है?
Lok Sabha Election Noimination Filing: देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद आज यानी 20 मार्च बुधवार से पहले चरण की 102 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. नामांकन प्रक्रिया चुनाव का बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव है. इसके जरिए योग्य उम्मीदवार जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पहुंच कर अपना नामांकन पेपर दाखिल करते हैं. 80 सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की भी 8 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होनी है. ऐसे में तमाम लोगों की नजर इस प्रक्रिया पर रहेगी क्योंकि यूपी की इन 8 सीटों में से कई ऐसी सीटें हैं जिनके लिए प्रत्याशियों का ऐलान होना बाकी है. बता दें कि पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी और वहीं, 1 जून को आखिरी चरण का मतदान होगा और 4 जून को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. आइए आपको बताते हैं कि क्या होती है नामांकन प्रक्रिया और ये कैसे की जाती है.
क्या है नामांकन प्रक्रिया
लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. ये चुनाव का बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव होता है. इसके तहत उम्मीदवार अपने नाम को चुनाव आयोग के समक्ष रजिस्टर करते हैं और दावा करते हैं कि लोकसभा चुनाव के मैदान पर वे जनता का वोट हासिल करने के लिए सही दावेदार हैं. प्रत्याशियों की ओर से जमा कराए गए तमाम प्रमाण पत्रों की जांच के बाद चुनाव आयोग उनकी लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी तय करता है. उम्मीदवारी फाइनल होने के बाद ही प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर कर अपना प्रचार प्रसार कर सकते हैं और अपने पक्ष में वोट मांग सकते हैं.
कौन कर सकता है नामांकन
कोई भी भारतीय नागरिक जिसका नाम वोटर लिस्ट में है, वो लोकसभा सीट के लिए नॉमिनेशन कर सकता है. जब किसी उम्मीदवार को किसी राजनैतिक पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाया जाता है, इसे सामान्य भाषा में टिकट मिलना कहा जाता है. वहीं तमाम प्रत्याशी खुद ही सिंबल के साथ अपना नामांकन दाखिल करते हैं. ऐसे में उन्हें चुनाव आयोग की ओर से पार्टी सिंबल दिया जाता है.
कैसे होता है नामांकन
चुनाव में अपनी दावेदारी को पेश करने के लिए उम्मीदवार जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में पहुंच कर नामांकन फॉर्म जमा करते हैं. नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवारों को जमानत राशि के रूप में निर्धारित रकम भी जमा करानी होती है. उम्मीदवार को नामांकन पेपर के साथ शपथ पत्र भी देना होता है. नोटरी के स्तर पर इस शपथ पत्र को तैयार कराया जाता है. इसमें प्रत्याशी को अपनी आय- व्यय के ब्यौरा और अन्य जरूरी जानकारी देनी होती है.
पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज देने होते हैं. विधायक बनने से पहले नामांकन पत्र में अपनी चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा, पत्नी और आश्रित बच्चों की भी आय- व्यय और लोन की पूरी जानकारी देनी होती है. साथ ही शैक्षणिक जानकारी, हथियारों से जुड़ी जानकारी, जेवर वगैरह के बारे में भी बताना होता है. अगर कोई आपराधिक मामला चल रहा है या कोर्ट केस दर्ज है या किसी मामले में सजा हो चुकी है तो उसके बारे में भी बताना होता है. इन सभी का विवरण एफिडेविट के जरिए दिया जाता है.
नाम वापसी की प्रक्रिया
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद चुनाव आयोग की ओर से नामांकन फॉर्म और दी गई जानकारी को लेकर जांच की जाती है और और नाम वापसी जैसी प्रक्रियाओं को पूरा कराया जाता है. नामांकन करने के कुछ दिनों के बाद उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकता है. निर्वाचन आयोग इसके लिए निर्धारित समय देता है. उस समय अवधि में प्रत्याशी अपनी मर्जी से नाम वापस ले सकता है. इसके लिए बकायदा एक एफिडेविट पर घोषणा पत्र देना होता है. इसमें नाम वापसी करने की डीटेल लिखी होती है.
नामांकन के दौरान यूपी में इस सीट पर खास नजर
बीजेपी ने यूपी की 51 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है, लेकिन पार्टी ने पीलीभीत को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसे में यूपी की पीलीभीत सीट पर लोगों की खासतौर पर नजर है. इस सीट से फिलहाल मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी सांसद हैं. लेकिन पिछले कुछ साल से वरुण गांधी अपनी ही पार्टी में घिरते नजर आ रहे हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस बार वरुण गांधी को टिकट देती है या नहीं.