Green Credit Programme: प्राइवेट कंपनियों को मार्केट आधारित मैकेनिज्म पर ग्रीन क्रेडिट इंसेंटिव देने के प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है, इसके लिए Green Credit Programme जल्द ही लागू किया जा सकता है. सरकार ने इस प्रोग्राम के लिए 31 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं. सरकार ने 27 जून को Green Credit Program Implementation Rules, 2023 का ड्राफ्ट जारी किया था. उसके लिए सुझाव और आपत्तियां देने की समय सीमा 60 दिन तय की गई थी. लेकिन अब अन्तर मंत्रालयीय कमेटी की बैठक के बाद ये तय किया गया है कि इस सीमा को घटाया जाए. तो अब सुझावों के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई है. इसे लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नॉटिफिकेशन जारी किया है.

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कार्बन कटौती के लिए सरकार ला रही है खास स्कीम

सरकार ने मई में जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और बिजली मंत्रालय कार्बन कटौती के लिए एक कार्बन क्रेडिट व्यापार योजना का खाका तैयार करेंगे. बिजली मंत्रालय ने बताया था कि सरकार भारतीय कार्बन बाजार (आईसीएम) के विकास की योजना बना रही है जिसमें ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन की कीमत तय कर भारतीय अर्थव्यवस्था को कार्बन-मुक्त करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रारूप तैयार किया जाएगा. इसके लिए कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों के लेनदेन का सहारा लिया जाएगा.

बयान के मुताबिक, बिजली मंत्रालय का ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर कार्बन क्रेडिट लेनदेन योजना का खाका तैयार करने में जुटा हुआ है. भारत में फिलहाल ऊर्जा बचत पर आधारित बाजार व्यवस्था लागू है. इसके स्थान पर कार्बन क्रेडिट व्यवस्था लागू होने से ऊर्जा बदलाव की दिशा में जारी प्रयासों को बल मिलेगा. इस सिलसिले में मई में दिल्ली में आईसीएम के तहत मान्य कार्बन सत्यापकों के बारे में एक काउंसलिंग सेशन भी आयोजित किया गया था.

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