केंद्र सरकार गरीब कैदियों (Poor Prisoners) की मदद के लिए आगे आई है. सरकार अब ऐसे कैदियों को आर्थिक मदद देगी जो पैसे की कमी के कारण जुर्माने की राशि नहीं चुका पाने की वजह से जमानत या जेल से रिहा होने में असमर्थ हैं. इस संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जेलों में बंद ऐसे कैदी जो जुर्माना या जमानत राशि वहन करने में असमर्थ होने के कारण जेलों से छुटकारा नहीं पा रहे हैं. केन्द्र सरकार ऐसे कैदियों को आर्थिक मदद करेगी और उन्हें न्याय दिलवाने में सहयोग करेगी.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे कैदियों की होगी मदद

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मंत्रालय के मुताबिक, कैदियों की मदद के लिए बनाई गई योजना की व्यापक रूपरेखा को संबंधित हितधारकों के परामर्श से अंतिम रूप दिया गया है, जिसके तहत भारत सरकार, उन गरीब कैदियों को राहत देने के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जो आर्थिक तंगी के कारण जुर्माना नहीं चुका पाने की वजह से जमानत या जेल से रिहा होने में असमर्थ हैं. प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए और गरीब कैदियों तक लाभ की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान अमल में लाए जाएंगे. जिसके तहत ई-प्रिजन प्लेटफार्म (E-prisons platform) को सशक्त बनाया जाएगा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मजबूत किया जाएगा और जरूरतमंद गरीब कैदियों आदि को गुणवत्तापूर्ण कानूनी सहायता की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हितधारकों को सेन्सिटाइज और उनका क्षमता निर्माण किया जाएगा.

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बता दें कि कारागार आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और कानून के प्रभाव को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. गृह मंत्रालय समय-समय पर अलग-अलग एडवाइजरी के माध्यम से राज्य सरकारों के साथ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों को साझा करता रहता है. गृह मंत्रालय जेलों में सुरक्षा ढांचे को बेहतर और आधुनिक बनाने के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है.

बजट में हुई थी घोषणा

इस साल फरवरी में पांचवा बजट और मोदी सरकार 2.0 का आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने जेलों में बड़ी संख्या में बंद गरीब कैदियों का खास ध्यान रखा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल का बजट पेश करते हुए जेलों में बंद गरीब कैदियों पर लगाए गए जुर्माने और जमानत पर आने वाली लागत का पैसा सरकार की तरफ से दिए जाने की घोषणा की थी. उन्होंने अपने अपने बजट भाषण में कहा था कि जेलों में बंद गरीब कैदियों को जमानत लेने के लिए जो भी खर्च करना होगा उसका भार सरकार उठाएगी. बता दें कि देशभर की जेलों में ऐसे हजारों कैदी बंद हैं जिनके पास जमानत लेने के लिए या उन पर लगाए गए जुर्माने की राशि चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं जबकि उनकी कैद की अवधि या तो पूरी हो चुकी है या फिर वे विचाराधीन हैं.

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(PBNS)