Unhealthy Food: बढ़ते जंक फूड, फ्रोज़न, प्रिजर्व्ड फूड पर नियंत्रण लगाने की तैयारी हो रही है. सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है. इसके लिए उपभोक्ता मामले मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. इसमें उपभोक्ता मामले मंत्रालय, FSSAI, स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कमेटी सभी Stakeholders से बैठक कर 6 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.

क्या करेगी कमेटी?

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ये कमिटी Unhealthy Food को लेकर मानक तय करेगी, खाने से संबंधित विज्ञापनों को लेकर और ज्यादा सख्त तरीके से जांच-पड़ताल होगी. चीनी और नमक की आवश्यकता से अधिक मात्रा को लेकर नियमन होगा. खाने में Chemicals/ Preservatives की अधिक मात्रा को रेग्युलेशन के दायरे में लाने का प्रयास होगा. कई बार इस्तेमाल किए जाने वाले तेल का इस्तेमाल बिलकुल बंद हो, इसे लेकर प्रयास किए जाएंगे. साथ ही Hygiene को लेकर सख्ती से पालन किया जाएगा.

क्यूं जरूरी हुआ?

पिछले दिनों Bournvita को लेकर इसपर बहस शुरू हुई थी, उसके साथ ही कई और Reports में ये कहा गया कि लोगों के खाने की आदत बदल रही है, ऐसे में फूड क्वालिटी को लेकर नियमन पर काम करने को लेकर सरकार गंभीरता दिखा रही है. इसको Zee Business Impact कह सकते हैं. Bournvita मामले के दौरान हमने बताया था कि उपभोक्ता मामले मंत्रालय इस संदर्भ में विचार कर रहा है.

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