वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, मुद्रा योजना समेत वित्तीय समावेशन से जुड़ी अलग-अलग स्‍कीम्‍स की समीक्षा के लिये सार्वजनिक क्षेत्र (PSU ) के बैंकों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. यह अहम मीटिंग फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी की अध्यक्षता में 13 अप्रैल को होगी. 

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सूत्रों के अनुसार, बैठक में स्टैंड-अप इंडिया और पीएम-स्वनिधि योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी. वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत अधिक-से-अधिक लोगों को शामिल करने के लिये शनिवार 1 अप्रैल से 3 महीने का अभियान शुरू किया है. 

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 18 साल से 50 साल के लोगों के किसी भी कारण से निधन होने पर 2 लाख रुपये का बीमा मिलता है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दुर्घटनावश निधन या स्थायी रूप से विकलांग होने की स्थिति में 2 लाख और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रुपये का बीमा मिलता है. 

वहीं, समाज के सबसे निचले स्‍तर तक आंत्रप्रेन्‍योरशिप को प्रमोट करने के मकसद से स्‍टैंडअप इंडिया स्‍कीम के अंतर्गत बीते सात सा में बैंकों ने 40,700 करोड़ रुपये से ज्‍यादा के कर्ज की मंजूरी दी, जिसका फायदा 1.80 लाख से ज्‍यादा लोगों को हुआ. स्‍टैंडअप इंडिया स्‍कीम को सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को लॉन्‍च किया था. इसका मकसद रोजगार के नए मौके बनाना और अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देना है. इस स्‍कीम को 2025 तक बढ़ा दिया गया है. 

पिछले साल सरकार ने प्रधानमंत्री स्‍ट्रीट वेंडर्स के लिए आत्‍मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) स्‍कीम को साल 2024 तक बढ़ा दिया है. सरकार ने कोरोना महामारी के चलते स्‍ट्रीट वेंडर्स को हुए भारी आर्थिक नुकसान से उबरने और दोबारा रोजगार शुरू करने के लिए माइक्रो क्रेडिट फैसेलिटी शुरू की थी. 

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