Fake reviews news: केंद्र सरकार ई-कॉमर्स पोर्टल या वेबसाइट पर फ़र्जी रिव्यू पर रोक लगाने के लिए अगले हफ्ते गाइडलाइंस जारी करेगी. सरकार ने पिछली बैठक में सभी Stakeholders को BIS की Guidelines मानने के लिए समय दिया था. बता दें, ज़ी बिज़नेस ने फेक रिव्यू (Fake Reviews) को सख्त बनाने की सरकार की तरफ से कवायद को लेकर खबर पहले ही बता दी थी. इस तरह इस खबर पर अब मुहर लगने जा रही है. केंद्र सरकार ने कहा था कि ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की फर्जी समीक्षाओं से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए वह नियम सख्त करने वाली है. 

कंपनियों को 7 दिन का समय दिया गया था

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खबर के मुताबिक, फ़र्जी रिव्यू (fake reviews on E-Commerce) लिखने वालों को खोजने का मैकेनिज्म बनाया जाएगा. फर्जी रिव्यू एक बड़ी चुनौती है और इसको रोकने और ग्राहकों के हित सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी. अगले हफ्ते जारी होने वाले गाइडलाइंस से ग्राहकों को ऐसे फेक रिव्यू (Fake Reviews) से धोखा देने की कोशिशों पर लगाम लगेगी. सभी कंपनियों को 7 दिन का समय दिया गया था. BIS की गाइडलाइंस सभी कंपनियों को हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी दी गई थी.

लगेगा मोटा जुर्माना

सरकार पैसे देकर Positive रिव्यू और फाइव स्टार रेटिंग पर जुर्माना लगाएगी. साथ ही दूसरी कंपनियों के लिए निगेटिव रिव्यू  कराने पर भी कार्रवाई होगी. अगर कोई जान बूझकर ऐसा करेगा तो उस पर 10 से 50 लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. खबर में कहा गया है कि सरकार का कहना था कि कंपनियां अपने स्तर पर कई तरह के नियम बना चुकी हैं और कानूनी तौर पर भी उनके पास कई अधिकार हैं. ऐसे में ग्राहकों के लिए BIS मानक नियमन के आधार पर उसको अपग्रेड करने की जरूरत है.

कंपनियां नहीं मानी तो Mandatory किया जा सकता है 

अगर कंपनियां फेक रिव्यू (Fake Reviews) को लेकर गंभीर नहीं होती हैं और इन बातों को नहीं मानती हैं तो नियम को जरूरी कर दिया जाएगा. सरकार की नई गाइडलाइन का पालन कंपनियों को करना होगा. नहीं करने और शिकायत मिलने पर सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी. 

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