Green Cement: निर्माण क्षेत्र का पर्यावरण से सीधा संबंध है. ठंड में प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली सरकार सबसे पहले निर्माण कार्यों पर रोक लगाती है.  इसी को देखते हुए इसके अल्टरनेट विकल्प की खोज शुरू हुई थी. इसमें सबसे पहले नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज को सफलता मिली थी. कंपनी ने ग्रीन सीमेंट की खोज और निर्माण शुरू किया था. अब इसके प्रति जागरूकता और भरोसा बढ़ने से इसकी मांग तेजी से बढ़ी है. सामान्य सीमेंट की तुलना में मजबूत और टिकाऊ होने से लोगों का भरोस इसके प्रति तेजी से बढ़ा है. कंपनी के अनुसार, नवरत्न कंपनी ग्रीन सीमेन्ट बनाने के लिए कबाड़ या कचरे का इस्तेमाल करती है. यानी इसके बनाने के लिए पहाड़ों को नुकसान नहीं पहुंचता और इससे चारो तरफ फैले कचरे में भी कमी आती है. ग्रीन सीमेंट बनाने में मुख्य तौर पर भट्ठियों से निकला स्लैग (slag) यूज किया जाता है. इसके अलावा उड़ने वाली राख (Fly Ash) को भी ग्रीन सीमेंट बनाने में यूज किया जाता है. ये दोनों पदार्थ प्रदूषण के बड़े कारक हैं.

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पर्यावरण के अनुकूल 

लोगों के बीच इसकी चर्चा है, मगर इस्तेमाल करने वाले कम लोग हैं. मगर ये बात तय है कि यह पर्यावरण के अनुकूल है. यह ईको फ्रेंडली है. क्योंकि दुनिया भर से सामने आई कई रिपोर्ट बताती हैं कि ये पारंपरिक सीमेंट के मुकाबले केवल 8 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन का उत्पादन करता है. यह उत्सर्जन होता है सीमेंट बनाने के दौरान. ग्रीन सीमेंट बनाने के दौरान 40 प्रतिशत कम कार्बन का उत्पादन होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये औद्योगिक कचरे से बनता है. औद्योगिक कचरे की मात्रा इसमें काफी ज्यादा होती है. जो चीजें बेकार हो गयी हैं, उससे सीमेंट तैयार किया जाता है. नवरत्न ग्रुप के चेयरमैन हिमांश वर्मा ने बताया कि ग्रीन सीमेंट निर्माण सेक्टर तो एक नई दिशा देगा ही साथ ही, प्रदूषण की समस्या से भी मुक्ति दिलाएगा.

ज्यादा है टिकाऊ 

जानकारों के अनुसार ग्रीन सीमेंट सामान्य सीमेंट की तुलना में अधिक समय तक चल सकता है. आने वाले समय में एक अच्छे विकल्प के रूप में उपलब्ध होने जा रहा है. ये सस्ता ऑप्शन भी होगा और ज्यादा दमदार भी, हमारे ग्रह पर अधिक लोगों का अर्थ है कृषि, वानिकी, खनन और तेल की खोज जैसी अधिक गतिविधियों की आवश्यकता. दुनिया भर में, जैव विविधता का क्षरण खतरनाक दर से हो रहा है, जिससे हमारे जंगलों में अभूतपूर्व संख्या में कमी आ रही है और दुनिया को गंभीर पर्यावरणीय संकट का सामना है. ऐसे में छोटे-छोटे कदमों से इन संकटों को दूर किया जा सकता है. इनमे ग्रीन सीमेंट का इस्तेमाल एक फैक्टर है.