Digital Data Protection Bill 2022: सरकार ने शुक्रवार को डेटा प्रोटेक्शन के लिए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2022 का ड्राफ्ट जारी किया है. इसे पब्लिक कमेंट के लिए ओपन रखा गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री की ओर जारी किए गए इस ड्राफ्ट में डेटा में सेंध लगाने, या नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान बढ़ाया गया है. और दूसरे कई अन्य प्रवाधान लाए गए हैं. मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य डिजिटल नागरिक के अधिकार की रक्षा है, बिल डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन के लिए है. सूत्र ने कहा कि इसके तहत बोर्ड के जरिए कोई रेगुलेशन नहीं किया जा रहा है, बल्कि इससे खासतर पर एजुकेट करने के लिए जा रहा है. 

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सूत्र ने बताया कि गठित बोर्ड विवादों को हल करने और कम करने में मदद देगा, बाकी सभी प्रक्रिया भारतीय कानून के मुताबिक होंगी. बोर्ड रेगुलेशन के लिए नहीं एजुकेशन के लिए होगा. डेटा ब्रीच जैसी स्थिति में बोर्ड जल्द हल के लिए काम करेगा.

डेटा मिनिमाइजेशन पर होगा काम, बिल में Consent मैनेजर का प्रावधान

सूत्र ने कहा कि कुछ प्लेटफॉर्म की प्रवृत्ति हो गई है- डाटा लेना और बैंक करना, इसपर रोक लगाने की जरूरत है. Data Minimisation करना होगा, जितने डेटा की जरूरत है, उससे ज्यादा डेटा मांगने पर वो प्लेटफॉर्म कानूनी तौर पर जिम्मेदार होगा. साथ ही सर्विस के बाद भी डेटा स्टोर करके रखना गैरकानूनी होगा.

डिजिटल रेस्तरां समेत सभी एंटिटीज़ के लिए ये जरूरी होगा कि Data Minimisation को फॉलो करें. डेटा स्टोरेज का समय बताना होगा और किसी भी इस्तेमाल के लिए सहमति अनिवार्य है.

बच्चों की सुरक्षा पर खासकर जोर

बिल में बच्चों के डाटा को लेकर विशेष जोर दिया गया है. अभिभावकों की सहमति को अहमियत दी गई है, वो भी ऐसा जिसका वेरीफिकेशन सम्भव है. ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई भी मंजूरी दे और उस डेटा के गलत इस्तेमाल की संभावना बने. 

कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी तरह के डेटा ब्रीच के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होगा. 

पेनाल्टी की रकम बदलेगी

इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि पेनाल्टी की रकम में सरकार समय-समय पर बदलाव करेगी. कोई भी ये मान कर नहीं बैठा सकता कि 500 करोड़ दिया और बरी हो गए.