सरकार चीन से आयात होने वाले फ्लैट बेस स्‍टील व्‍हील्‍स (Flat Base Steel Wheels) पर एंटी डंपिंग ड्यूटी जारी रख सकती है. डायरेक्‍टर जनरल ऑफ ट्रेड रेमिडीज (DGTR) ने घरेलू इंडस्‍ट्री की याचिका पर समीक्षा जांच के बाद एंटी डंपिंग ड्यूटी जारी रखने की सिफारिश की है. घरेलू इंडस्‍ट्री को बूस्‍ट देने और उन्‍हें प्रतिस्‍पर्धी बनाने के मकसद से 31 दिसंबर 2007 को अपनी बार फ्लैट बेस स्‍टील व्‍हील पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई थी. इसके बाद से लगातार इसे बढ़ाया गया है. 

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कॉमर्स मिनिस्‍ट्री की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, Wheels India और Steel Strips ने फ्लैट बेस स्‍टील व्‍हील्‍स पर एंटी डंपिंग ड्यूटी जारी रखने की अर्जी लगाई थी. DGTR ने इस पर समीक्षा जांच के पूरी करने के बाद एंटी डंपिंग ड्यूटी बनाए रखने की सिफारिश की है. पिछली बार 13 सितंबर 2018 को यह लगाया गया था, जिसकी मियाद 12 सितंबर को खत्म हो रही है. समय सीमा खत्‍म होने से पहले डीजीटीआर ने इसकी सिफारिश की है. बता दें, फ्लैट बेस स्‍टील व्‍हील्‍स को 'स्‍टील व्‍हील्‍स' भी कहते हैं. इसका इस्‍तेमाल कॉमर्शियल वाहनों की ट्यूब्‍स और टायर के लिए किया जाता है. 

घरेलू इंडस्‍ट्री ने $613/MT की दर से अगले 5 साल के लिए ड्यूटी की मांग की थी. DGTR की समीक्षा जांच में कहा गया है कि चीनी कंपनियां एक्सपोर्ट आधारित उत्पादन कर रहीं हैं. कई देशों में सस्ती दर पर डंपिंग की जा रही है. ड्यूटी हटने पर दोबारा डंपिंग की आशंका है. ADD से चीनी इम्पोर्ट पर रोक लगी थी. इसका फायदा सीधे तौर पर घरेलू इंडस्ट्री को मिला. अमेरिका और यूरोपीय संघ पहले चीन ही चीन में कई तरह के ट्रेड प्रतिबंध लगा चुके हैं. अमेरिका और यूरोप चीन के लिए बड़े बाजार रहे हैं. 

 

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