वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) की जांच इकाई डीजीटीआर (DGTR) ने घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से बचाने के मकसद से चीन में निर्मित स्टील व्हील्स (Steel Wheels) पर डंपिंग रोधी शुल्क 5 और साल के लिए जारी रखने की सिफारिश की है. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि चीन से फ्लैट बेस स्टील व्हील्स (Flat BaseSteel Wheels) के आयात पर मौजूदा शुल्कों को जारी रखने से घरेलू कंपनियों को नुकसान की आशंका कम हो जाएगी.

5 साल तक जारी रहेगी एंटी डंपिंग ड्यूटी

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DGTR ने कहा, ऑथोरिटी मौजूदा डंपिंग रोधी शुल्क को 5 साल तक जारी रखने की सिफारिश करता है. निदेशालय ने इस उत्पाद पर 613 डॉलर प्रति टन के शुल्क की सिफारिश की है. इस शुल्क को लगाने का अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेता है. इस उत्पाद का उपयोग कमर्शियल व्हीकल्स में किया जाता है.

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इन दो कंपनियों ने की थी शिकायत

व्हील्स इंडिया लि. (Wheels India Ltd) और स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स लि. (Steel Strips Wheels Ltd) ने डीजीटीआर के समक्ष इस बारे में शिकायत की थी. राजस्व विभाग ने 13 सितंबर, 2018 को पांच साल के लिए यह शुल्क लगाया था. अब इसे पांच साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की गई है.

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भाषा में डंपिंग तब होती है जब कोई देश या फर्म अपने घरेलू बाजार में उस उत्पाद की कीमत से कम कीमत पर किसी वस्तु का निर्यात करता है. डंपिंग से आयात करने वाले देश में उस उत्पाद की कीमत प्रभावित होती है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ता है.

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वैश्विक व्यापार मानदंडों के अनुसार, एक देश को घरेलू निर्माताओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए ऐसे डंप किए गए उत्पादों पर टैरिफ लगाने की अनुमति है. भारत में DGTR द्वारा गहन जांच के बाद ही शुल्क लगाया जाता है.

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