CAA rules: केंद्र की मोदी सरकार मार्च के पहले हफ्ते में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नियम लागू कर सकती है. सरकार मार्च के पहले हफ्ते या इसके बाद किसी भी दिन CAA के नियम लागू कर देगी. इसके लागू होने के साथ ही CAA कानून लागू हो जाएगा. सरकार के सूत्रों के अनुसार, सरकार ने CAA को लागू करने के लिए पोर्टल तैयार कर लिया है. अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आवेदन करने वालों को वो साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था. सूत्रों के अनुसार, आवेदन करने वालों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा.

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जानकारी के लिए आपको बता दें कि CAA कानून 2019 पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता के लिए रास्ता खोलेगा, जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं. इस कानून में किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.

लोकसभा चुनावों से पहले जारी होंगे नियम

बीते शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, "CAA को लागू करने के नियम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जारी कर दिए जाएंगे. लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी."

इसके अलावा उन्होंने कहा था, "CAA देश का कानून है. इसकी अधिसूचना जरूर जारी होगी. लोकसभा चुनाव से पहले इसे जारी किया जाएगा. इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. भारत के पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना कांग्रेस नेतृत्व का भी वादा था."

वादे से मुकरी कांग्रेस

अमित शाह ने कहा था, "जब विभाजन हुआ था, उस समय हिंदू, बौद्ध, ईसाई सभी वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आना चाहते थे. कांग्रेस नेताओं ने इन्हें भारत की नागरिकता देने का वादा किया था. यह भी कहा था कि आप सभी का स्वागत है, लेकिन कांग्रेस नेता अपने बयान से पीछे हट गए थे."

नागरिकता छीनने का कानून नहीं है सीएए

शाह ने यह भी कहा था, "CAA किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है. हमारे मुस्लिम भाइयों को CAA के मुद्दे पर भड़काया जा रहा है. CAA के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती. इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. CAA उन लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करके भारत आए और यहां शरण ली. इसका किसी को विरोध नहीं करना चाहिए."

संसद से पास है CAA कानून

ज्ञात हो कि दिसंबर 2019 में संसद ने CAA पारित किया. बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई. इसके बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. चार साल से ज्यादा समय के बाद CAA लागू करने के लिए नियम बनाए जाने जरूरी हैं.

केंद्र सरकार CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे.