Cabinet Meeting: केंद्र सरकार ने आखिरकार 22 फरवरी 2023 को जरूरी जूट पैकेजिंग के नियम (Mandatory jute packaging rules) को मंजूरी दे दी. कैबिनेट की एक बैठक में बुधवार को जूट ईयर वर्ष 2022-23 के लिए नियमों को मंजूरी देने का फैसला लिया गया. इस मंजूरी के बाद, अब 100 प्रतिशत फूडग्रेन्स और कुल चीनी प्रोडक्शन का 20 प्रतिशत पैकेंजिंग जूट की बोरी में ही की जाएगी.  इससे जूट उद्योग को काफी बल मिलेगा.

10 प्रतिशत जूट बैग नीलामी से खरीदे जाएंगे

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जानकारों का मानना है कि इससे किसान परिवारों को फायदा मिलेगा. खबर है कि 10 प्रतिशत जूट बैग नीलामी से खरीदे जाएंगे. सरकारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म GeM पोर्टल के जरिए जूट बैग खरीदे जाएंगे. राज्यों की तरफ से 10 प्रतिशत जूट बैग सप्लाई उल्टी नीलामी के जरिये होगी. हालांकि सरकार ने यह संकेत भी दिए हैं कि जूट उद्योग से सप्लाई नहीं हो पाने की स्थिति में पैकेजिंग नियमों (Jute packaging rules) में ढील दी जा सकती है.

40 लाख किसानों को फायदा 

खबर के मुताबिक, इससे करीब 40 लाख किसानों को फायदा मिलेगा. सरकार इनसे जूट की खरीद करेगी. सरकार के इस फैसले (Mandatory jute packaging rules) के बाद Gloster, Cheviot, Ludlow Jute जैसी कंपनियों को फायदा हो सकता है. ये तीनों कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं. इस फैसले के बाद इनके शेयर में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं. सरकार करीब हर साल 8000 करोड़ रुपये का जूट किसानों से खरीदती है. 

इकोनॉमी के लिहाज से जूट है बेहद खास

जूट एक नेचुरल, बायोडिग्रेडेबल, रिन्युअल और दोबारा इस्तेमाल वाला फाइबर है.इकोनॉमी के लिहाज से देखें तो पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, त्रिपुरा और मेघालय  जैसे राज्यों में जूट बेहद अहम है. जूट की बोरी की सबसे ज्यादा सप्लाई भारतीय खाद्य निगम और राज्य खरीद एजेंसियों को की जाती है. जूट इंडस्ट्री (Jute Industry) बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराता है.

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