देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे पेश कर दिया है. इस सर्वे में वित्त मंत्री ने देश की इकोनॉमी की रफ्तार को लेकर कई बड़ी बातें कही हैं. वित्त मंत्री ने अपने बयान में बताया कि देश में महंगाई काबू में है. संसद में पेश किए गए इकनॉमिक सर्वे के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की अच्छी ग्रोथ रही. इसके अलावा सरकार ने देश की जीडीपी ग्रोथ की स्थिति पर भी फोकस किया. इसके अलावा भी वित्त मंत्री की ओर से इकोनॉमिक सर्वे में कई सारी बातों का जिक्र किया गया है, यहां हम आपको इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी बड़ी बातों की जानकारी दे रहे हैं. 

इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी बड़ी बातें

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FY25 में 6.5% से 7% GDP ग्रोथ का अनुमान

FY24 में FDI $4760 Cr से घटकर $4580 Cr (YoY) 

2023-24 में एग्री ग्रोथ 4.7% से घटकर 1.4% (YoY)

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्राथमिकता देने की जरूरत

नेशनल मिशन ऑन एडिबल का दायरा बढ़ाने पर चर्चा संभव

ज्यादा रिटर्न की वजह से रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी

FY25 में IT सेक्टर में हायरिंग की ग्रोथ धीमी

दाल का रकबा बढ़ाने के लिए और प्रयास करने होंगे

कोर सर्विसेस महंगाई घटकर 9 साल के निचले स्तर पर

सीजनल वेजिटेबल्स के लिए स्टोरेज फैसिलिटी की व्यवस्था जरूरी

CEA की निगरानी में तैयार होता है सर्वे

आर्थिक सर्वे को वित्त मंत्रालय का विभाग इकोनॉमिक अफेयर्स के तहत आने वाला इकोनॉमिक डिविजन बनाता था. मुख्य आर्थिक सलाहाकार की देख-रेख में ये सर्वे तैयार किया जाता है. साल 1950-51 में पहला आर्थिक सर्वे पेश किया गया था. साल 1964 तक इसे बजट के साथ पेश किया जाता था. बाद में इसे एक दिन पहले पेश किया गया. 

क्या होता है आर्थिक सर्वे?

आर्थिक सर्वे में बीते साल का लेखा-जोखा और आने वाले साल में अर्थव्यवस्था के सुझाव रहते हैं. साल 2014 से आर्थिक सर्वे को दो वॉल्यूम में पेश किया जाने लगा है. पहले वॉल्यूम में अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर फोकस किया जाता है. वहीं, दूसरे वॉल्यूम में अर्थव्यवस्था के सभी खास सेक्टर्स का रिव्यू किया जाता है.