प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आर्थिक स्थिति के बारे में आकर्षक तस्वीर पेश करने वालीं कुछ रिपोर्ट का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत न्यायोचित एवं सामूहिक समृद्धि  (Equitable and collective prosperity) की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है और यह आर्थिक समृद्धि के नए युग के मुहाने पर खड़ा है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर लिखी एक टिप्पणी में कहा कि उन्होंने हाल ही में प्रकाशित दो शोधपरक लेख देखे हैं, जो भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर उत्साही रुख रखने वाले सभी लोगों को पसंद आएंगे.

SBI Research की रिपोर्ट का जिक्र किया

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इनमें से एक रिपोर्ट एसबीआई रिसर्च (SBI Research) की है, जबकि दूसरी रिपोर्ट पत्रकार अनिल पद्मनाभन (Anil Padmanabhan) ने लिखी है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये रिपोर्ट कुछ ऐसे पहलू पर रोशनी डालती हैं जिन्हें देखकर हमें बहुत खुश होना चाहिए. इसके मुताबिक, भारत न्यायोचित एवं सामूहिक समृद्धि हासिल करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है.’’ उन्होंने इन रिपोर्ट में दिए गए कुछ आंकड़ों का जिक्र किया.

औसत इनकम 13 लाख रुपए पर पहुंची

PM मोदी ने कहा कि  SBI Research की तरफ से जमा किए गए आयकर रिटर्न (ITR) के आधार पर वित्त वर्ष 2022-23 में भारत औसत आय 13 लाख रुपए पर पहुंचने की बात कही है, जबकि कर आकलन वर्ष (Assessment year)2013-14 में यह 4.4 लाख रुपए थी. प्रधानमंत्री ने इन रिपोर्ट से ऐसे कई आंकड़े पेश करते हुए कहा कि ये निष्कर्ष न केवल भारत के सामूहिक प्रयासों को दर्शाते हैं बल्कि एक देश के तौर पर भारत की क्षमता को भी दिखाते हैं. 

नए युग के मुहाने पर खड़ा है भारत

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय प्रगति के लिए समृद्धि बढ़ना अच्छी बात है. निस्संदेह हम आर्थिक समृद्धि के एक नए युग के मुहाने पर खड़े हैं और वर्ष 2047 तक ‘Developed India’ का सपना पूरा करने की राह पर अग्रसर हैं.’’ प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरा होने तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प कई बार जता चुके हैं. 

उत्तर प्रदेश इनकम टैक्स जमा करने के मामले में टॉप पर

भारत इस समय दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. प्रधानमंत्री की लिंक्डइन पोस्ट के मुताबिक, पद्मनाभन की ITR आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट विभिन्न आय समूहों में कर-आधार बढ़ने और प्रत्येक समूह के रिटर्न जमा करने में कम-से-कम तीन गुना वृद्धि होने का जिक्र करती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर 2023 के बीच जमा किए गए आईटीआर की तुलना करने पर सभी राज्यों में बढ़ी हुई कर भागीदारी की एक खुशनुमा तस्वीर नजर आती है. उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के तौर पर आईटीआई आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश आईटीआर जमा करने के मामले में अग्रणी प्रदर्शन वाले राज्य के रूप में उभरा है.’’ 

छोटे राज्यों में भी ITR फाइल होने में सुधार आया है

इसके साथ ही उन्होंने SBI Research की रिपोर्ट के आधार पर कहा कि मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड जैसे छोटे राज्यों ने भी पिछले नौ साल में आईटीआर दाखिल होने के मामले में 20 फीसदी से अधिक बढ़त दर्ज की है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘यह दर्शाता है कि न केवल लोगों की आमदनी बढ़ी है बल्कि कर अनुपालन भी बढ़ा है. यह हमारी सरकार के प्रति लोगों में मौजूद विश्वास की भावना की अभिव्यक्ति है.’’

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