केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर अपडेट दिया है. पीयूष गोयल ने कहा कि ब्रिटेन में नई सरकार बनने के बाद मुक्त व्यापार समझौता में प्रगति देखी जा सकती है. गौरतलब है कि चार जुलाई 2024 को ब्रिटेन में आम चुनाव है, जिसमें नई सरकार चुनी जाएगी. इसके अलावा पीयूष गोयल ने कहा कि  ग्लोबल परिस्थितियां गंभीर बनी हुई है. इसके बावजूद इस वित्तीय वर्ष 800 बिलियन डॉलर गुड्स और सर्विस एक्सपोर्ट्स हासिल करने का पूरा विश्वास है. 

पीयूष गोयल ने कहा- 'एफटीए के लिए प्रतिबद्ध हैं मौजूदा सरकार, लेबर पार्टी के साथ भी जारी है चर्चा'

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ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'अगर मौजूदा ब्रिटेन सरकार सत्ता में वापसी करती है, तो वे पहले से ही एफटीए के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने लेबर पार्टी के अंतरि व्यापार और विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की है और वे भी समझौते को तेजी से आगे बढ़ाने में समान रूप से दिलचस्पी रखते हैं.' समझौते में 26 चैप्टर हैं, जिनमें सामान, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल हैं. 

यूरोपियन यूनियन से आठवें दौर की बातचीत जारी, जल्द पूरा होगा समझौता 

यूरोपियन यूनियन के साथ व्यापार समझौते पर पीयूष गोयल ने कहा कि आठवें दौर की बातचीत 28 जून को ब्रुसेल्स में हुई है. ये बैठक बेहद पॉजिटिव रही है. पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और यूरोपियन यूनियन दोनों इस समझौते के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. ऐसे में उन्हें  पूरा यकीन है कि ये मुक्त व्यापार समझौता जल्द पूरा होगा. गौरतलब है कि भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 20.36 बिलियन से बढ़कर 2023-24 में 21.34 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है.

इजरायल- हमास और यूक्रेन-रूस का युद्ध जारी, लाल सागर पर भी संकट जारी

एक्सपोर्ट पर पीयूष गोयल ने कहा कि 2023-24 में, शिपमेंट 778.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (वस्तुएं 437.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सेवाएं 341 बिलियन अमेरिकी डॉलर) रहीं हैं. ग्लोबल हालात गंभीर है क्योंकि यूक्रेन-रूस और इजराइल-हमास के बीच अभी भी युद्ध और लाल सागर में संकट जारी है. सरकार का मेक इन इंडिया पर पूरा जोर है. भारत में उत्पादन बढ़ेगा तो एक्सपोर्ट बढ़ेगा और इंपोर्ट पर निर्भरता घटेगी.  उन्होंने बताया कि मार्च तिमाही में भारत का करंट अकाउंट सरप्लस 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 0.6 प्रतिशत दर्ज किया गया है.