पर्सनल इनकम टैक्स- GDP रेश्यो बढ़कर 2.94 फीसदी पर, FY22 के दौरान टैक्सपेयर बेस में भी इजाफा
Personal income tax to GDP ratio: GDP के अनुपात में व्यक्तिगत आयकर 2014-15 में 2.11 फीसदी से बढ़कर 2021-22 में 2.94 फीसदी पर पहुंच गया. इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार के प्रयासों से देश में टैक्सपेयर्स का आधार बढ़ा है.
Personal income tax to GDP ratio: देश की इकोनॉमी मे पर्सनल इनकम टैक्स की भागीदारी बढ़ी है. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात में व्यक्तिगत आयकर 2014-15 में 2.11 फीसदी से बढ़कर 2021-22 में 2.94 फीसदी पर पहुंच गया. इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार के प्रयासों से देश में टैक्सपेयर्स का आधार बढ़ा है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के साथ समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बोर्ड की ओर से टैक्स बेस बढ़ाने को लेकर किए गए उपायों की जानकारी दी. वित्त मंत्री ने कहा कि सीबीडीटी को टैक्सपेयर्स की ओर से सभी आवेदनों को लेकर समय पर और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए और ऐसे आवेदनों के निपटान के लिये एक उचित समयसीमा तय करनी चाहिए.
SFT, GSTN से मिला फायदा
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीडीपी अनुपात के रूप में पर्सनल इनकम टैक्स वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2.94 फीसदी हो गया, जो 2014-15 में 2.11 फीसदी था. लाभांश और ब्याज, सिक्युरिटीज, म्यूचुअल फंड जैसे फाइनेंशिल ट्रांजेक्शन की डीटेल (SFT) से नए डेटा लेने और GSTN (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क) से मिली डीटेल से मिलने वाली सूचना में 1,118 फीसदी का इजाफा हुआ है. साथ ही, टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) कोड पेश किए जाने से वित्त वर्ष 2021-22 में इनफॉर्म्ड ट्रांजैक्शन बढ़कर 144 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 2015-16 में 70 करोड़ था. इससे टीडीएस काटने वालों की संख्या बढ़कर 2021-22 में 9.2 करोड़ हो गई, जो 2015-16 में 4.8 करोड़ थी.
टैक्स नियमों की समीक्षा
मीटिंग के दौरान टैक्सपेयर बेस बढ़ाने के प्रयास, अनुशासनात्मक कार्यवाही के लंबित मामले और कुछ धाराओं के अंतर्गत छूट प्रदान करने को लेकर आयकर अधिनियम, 1961 समेत अन्य चीजों की समीक्षा की गई. बैठक में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता और सीबीडीटी के सभी सदस्य शामिल हुए.
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