Rice Price Rise: त्योहारी सीजन में चावल की बढ़ती कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. पिछले 2 महीने में चावल के दाम 20 से 30 फीसदी तक बढ़े हैं. चावल के उत्पादन की समीक्षा के लिए सरकार ने एक बड़ी बैठक बुलाई है. सरकार 30 अगस्त को राज्यों के साथ बैठक करेगी. बता दें कि खराब मानसून के चलते चावल की बुवाई प्रभावित हुई है. धान की बुवाई में 15% की कमी आई है. पिछले साल 129 मीट्रिक टन चावल का उत्पादन हुआ था. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक और शीर्ष निर्यातक देश है. वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 40% की है.

खराब मानसून के चलते चावल की बुवाई प्रभावित

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बारिश कम होने की वजह से पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में धान बुवाई का रकबा 13% घट गया है. क्रॉप ईयर 2021-22 (जुलाई-जून) में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 12 करोड़ 96.6 लाख टन रहा था. भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया, जिसमें से 39.4 लाख टन बासमती चावल था.

IMC की बैठक में होगी चर्चा

कमोडिटी की कीमतों पर आज IMC की अहम बैठक होगी. चावल के बढ़ते दाम और कम बुवाई के अनुमान को देखते हुए एक्सपोर्ट पर रेग्युलेशन को लेकर चर्चा हो सकती है. चावल के बढ़ते दाम पर सरकार की नजर है. बीते दो महीने में चावल के दाम 20-30% तक बढ़े हैं.

कीमतें बढ़ने की स्थिति में केंद्र बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए अपने गोदामों से चावल का उपयोग कर सकता है. पहले से ही केंद्र राशन की दुकानों के माध्यम से गेहूं के बजाय अधिक चावल की आपूर्ति कर रहा है क्योंकि इस साल गेहूं की खरीद पिछले साल के 4.3 करोड़ टन के मुकाबले भारी कमी के साथ 1.9 करोड़ टन रह गई है.