सऊदी अरब के नेतृत्व वाला तेल निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक) और रूस सहित अन्य सहयोगी उत्पादक  देश अपनी आगामी मीटिंग में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर सहमति बनाने के लिए प्रयास करेंगे. दुनिया भर में कीमतों को सहारा देने के प्रयासों के बावजूद हाल के दिनों में कच्चा तेल टूटा है. विश्लेषकों का कहना है कि ओपेक और अन्य आपूर्तिकर्ता उत्पादन में कटौती पर आम सहमति बनाने के लिए मंथन कर रहे हैं.

उत्पादन घटाने पर OPEC कर सकता है समझौता  

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रिस्टैड एनर्जी के तेल बाजार अनुसंधान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जॉर्ज लियोन ने कहा कि समूह ने मूल रूप से रविवार के लिए निर्धारित अपनी बैठक को चार दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया था, जिससे पता चलता है कि एक नया समझौता चुनौतीपूर्ण साबित होगा. उन्होंने अपने एक एनालिसिस में कहा, ''चुनौतियों के बावजूद हमें अभी भी उम्मीद है कि ओपेक और अन्य देश उत्पादन घटाने पर समझौता कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक सदस्य देश 2024 में कीमतों का समर्थन करने के लिए उत्पादन कम करने की जरूरत को समझता है.' 

तेल से अधिक कमाई चाहता है रूस, पश्चिम ने लगाए हैं प्रतिबंधों  

रूस तेल से अधिक कमाई चाहता है, क्योंकि वह पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ताजा अनुमान के अनुसार सउदी को अपने खर्चों के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लगभग 86 डॉलर प्रति बैरल की दर से तेल आय आर्जित करनी होगी. गौरतलब है कि ओपेक के सदस्य देश उस दिन मिल रहे हैं जब संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस यूएई में शुरू हो रही है. यूएई खुद ओपेक का सदस्य है. ब्रेंट क्रूड हालिया हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क 80 डॉलर के लो से मिड रेंज में रहा है, जो कमजोर होती वैश्विक अर्थव्यवस्था में अधिक आपूर्ति के बारे में चिंताओं को दर्शाता है. 

गुरुवार को न्यू यॉर्क मर्कंटाइल एक्सचेंज की इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में ब्रेंट क्रूड 68 सेंट बढ़कर 83.56 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा. वहीं, यूएस क्रूड 62 सेंट बढ़कर 78.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.