सस्ते पेट्रोल-डीजल के लिए अभी करो इंतजार, 4 महीने में ऑयल कंपनियों को नुकसान हुआ बार-बार, समझें क्यों दाम बढ़ाने की है जरूरत
Petrol-Diesel Price Hike: कच्चे तेल में उबाल के बाद भी पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी ना करने से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को अच्छा खासा नुकसान हुआ है.
Petrol-Diesel Price Hike: इस हफ्ते पेट्रोल और डीजल के दामों में तीन बार बढ़ोतरी की गई है. शुक्रवार को एक बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमत में 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी, जिसके बाद हफ्ते की शुरुआत से लेकर अबतक 2.40 रुपए की बढ़ोतरी पेट्रोल और डीजल के प्राइस पर हो गई है. पेट्रोल और डीजल के भाव में इजाफा हो रहा है तो आम आदमी की जेब पर खर्चा बढ़ रहा और अगर बढ़ोतरी नहीं हो रही है तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा देश की इकोनॉमी के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक, इस पर संतुष्ट जवाब देना मुश्किल है. लेकिन एक बात जो तय है, वो ये कि कच्चे तेल में उबाल के बाद भी पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी ना करने से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को अच्छा खासा नुकसान हुआ है. मूडीज की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.
OMCs पर मूडीज की रिपोर्ट
नवबंर से मार्च तक कच्चे तेल की कीमतों में 35 फीसदी का उछाल देखा गया है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नवंबर से लेकर मार्च तक कच्चे तेल के दाम 35-40 फीसदी तक बढ़ चुके हैं. कंपनियों की ओर से दाम ना बढ़ाने की वजह से इन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ है.
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19000 करोड़ का नुकसान
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन 4 महीनों के दौरान ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 19000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक, कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर प्रति बैरल 24-25 डॉलर यानी कि 1800-1900 रुपए का नुकसान हो रहा है.
वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रूड का भाव 111 डॉलर होने पर रोजाना 6.5-7 करोड़ रुपए का नुकसान होने की उम्मीद जताई गई है. ऐसा बताया गया है कि ये FY21 के EBITDA का करीब 20 फीसदी नुकसान है.
नवंबर-मार्च के बीच आय में नुकसान
- IOC - 100-110 करोड़ डॉलर
- BPCL - 55 करोड़ डॉलर
- HPCL - 65 करोड़ डॉलर