Ponzi schemes: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार पोंजी ऐप्स (Ponzi Apps) पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रही है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सोशल मीडिया पर फाइनेंसियल इंफ्लूएंसर्स (Financial Influencers) को नियंत्रित करने के लिए उनके पास फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है.

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कर्नाटक के तुमकुरु जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि क्या केंद्र सोशल मीडिया पर वित्तीय सलाह देने वाले इंफ्लूएंसर्स पर शिकंजा कसने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने कहा कि सरकार के पास फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि, ऐसे कई पोंजी ऐप हैं जिन पर हम आईटी मंत्रालय और आरबीआई के साथ काम कर रहे हैं और उन पर शिकंजा कस रहे हैं.

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फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स को नियंत्रित करने का प्रस्ताव नहीं

सोशल मीडिया पर वित्तीय सलाह देने वालों को लेकर सीतारमण ने लोगों को चेताया कि हर उस चीज का पालन करने में सावधानी बरतनी चाहिए जो इस तरह के प्लेटफार्मों पर सलाह के रूप में दी जाती है, क्योंकि यह लोगों की गाढ़ी कमाई है जो दांव पर है.

वित्त मंत्री ने दी ये सलाह

उन्होंने कहा, अगर हमें सलाह देने वाले तीन या चार लोग हैं, तो साथ ही 10 ऐसे भी हैं जो शायद अलग विचार रखते हों. सोशल और फाइनेंसियल इंफ्लुएंसर्स भरे हुए हैं, लेकिन हम सबको चौकन्ना रहना चाहिए कि हम डबल चेक करें और किसी के बहकावे में आसानी से न आएं. अपनी गाढ़ी कमाई की रक्षा करें.

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वैश्विक सहमति के बिना क्रिप्टो के विनियमन का कोई फायदा नहीं होगा

वित्त मंत्री ने क्रिप्टो के नियमन पर भारत की ओर से किसी तरह के कदम से पहले इसपर वैश्विक सहमति बनाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि इसपर वैश्विक खाका बनाना पड़ सकता है. सभी को मिलकर इसपर काम करना होगा, नहीं तो इसके विनियमन का कोई लाभ नहीं होगा. वित्त मंत्री ने हालांकि कहा कि इसका मतलब ‘वितरित बही-खाता प्रौद्योगिकी’ को नियंत्रित करना नहीं है.

सीतारमण ने कहा, भारत की G20 की अध्यक्षता में यह हमारा ही प्रस्ताव था. मुझे खुशी है कि जी20 ने इसे इस वर्ष के अपने एजेंडा में रखा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने क्रिप्टो करेंसी पर एक सर्कुलर दिया है कि किस तरह से यह व्यापक आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है. जी20 द्वारा स्थापित वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) एक रिपोर्ट देने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें वित्तीय स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

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उन्होंने कहा, एफएसबी की रिपोर्ट और आईएमएफ की रिपोर्ट पर जुलाई में जी20 के अंतर्गत वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में चर्चा होगी. उसके बाद सितंबर में भारत में ही जी20 देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों की शिखर बैठक होगी. वित्त मंत्री यहां थिंकर्स फोरम, कर्नाटक के साथ संवाद के दौरान डिजिटल या क्रिप्टो मुद्रा के विनियम से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रही थीं. 

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