Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को लगातार छठा बजट पेश करेंगी. इसके साथ ही वह देश की दूसरी वित्त मंत्री होंगी जो लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करेंगी. यह उपलब्धि अब तक केवल पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ, मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगी.

मोरारजी देसाई ने 6 बार बजट  पेश किया था

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इन नेताओं लगातार पांच बजट पेश किये थे. वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच पांच सालाना बजट और एक अंतरिम बजट पेश किये थे. एक फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का पेश होने वाला अंतरिम बजट लेखानुदान होगा. यह सरकार को अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक कुछ निश्चित मदों में खर्च करने का अधिकार देगा. चूंकि आम चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सीतारमण के अंतरिम बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव होने की संभावना नहीं है. वित्त मंत्री ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा से इनकार किया था.

1 फरवरी को लेखानुदान पेश किया जाएगा

उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले सिर्फ लेखानुदान होगा. संसद में पारित होने के बाद लेखानुदान से सरकार को अप्रैल-जुलाई अवधि के व्यय को पूरा करने के लिए देश की संचित निधि से आनुपातिक आधार पर राशि निकालने की अनुमति होगी.

जून 2024 में नई सरकार बनने की उम्मीद

आम चुनावों के बाद नई सरकार जून के आसपास बनने की संभावना है. ऐसे में नई सरकार जुलाई में 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी. आम तौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है जो अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं. मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद, अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और 2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बार बजट पेश किए.

2017 से 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा बजट

वर्ष 2017 में सरकार ने फरवरी के आखिरी कार्य दिवस की जगह एक तारीख को बजट पेश करने का निर्णय किया. इसके साथ ही 28 फरवरी को बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा खत्म कर दी गयी. जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने एक फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश किया. गोयल ने वेतनभोगी करदाताओं के लिए मानक कटौती को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया था. साथ ही, जिन करदाताओं की वार्षिक कर योग्य आय पांच लाख रुपए से अधिक नहीं है, उनके लिए कर छूट 2,500 रुपए से बढ़ाकर 12,500 रुपए कर दी गई.

इंदिरा गांधी के बाद दूसरी महिला वित्त मंत्री बनीं

मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनावों के बाद सीतारमण को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी. वह इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था. उस वर्ष, सीतारमण ने बजट दस्तावेज के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले परंपरागत ‘ब्रीफकेस’ को हटा दिया और इसकी जगह राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह वाला ‘बही-खाता’ अपनाया.

FY28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य

भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर और 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किये. उन्होंने अंतरिम बजट समेत लगातार छह बार बजट पेश किए थे. स्वतंत्र भारत का पहला बजट प्रथम वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. अपना छठा बजट पेश कर रहीं सीतारमण ग्रामीण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपाय कर सकती हैं. इसका एक प्रमुख कारण वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चार प्रतिशत से घटकर 1.8 प्रतिशत होने का अनुमान है.