निर्मला सीतारमण इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं. वित्त मंत्री वहां इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रही हैं. IMFC यानी इंटरनेशनल मॉनिटरी एंड फाइनेंशियल कमिटी की बैठक में उन्होंने कहा कि ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ट्रैक पर है. चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान है. उन्होंने आईएमएफ जैसे संस्थानों को इमर्जिंग इकोनॉमी की ज्यादा मदद की अपील की. गरीब देशों की मदद नहीं करने पर ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम बिगड़ सकता है.

7 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि विश्व स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था वृद्धि के पथ पर बढ़ती रहेगी और इसके सात फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान है. अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्तीय समिति (आईएमएफसी) के पूर्ण सत्र के दौरान सीतारमण ने कहा कि यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक आर्थिक परिदृश्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि में गिरावट, भू-राजनीतिक परिस्थितियों के प्रभाव, खाद्य एवं ऊर्जा कीमतों में वृद्धि से बढ़ते मुद्रास्फीतिकारी दबाव जैसे जोखिमों का सामना कर रहा है और जिनसे संवेदनशील अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं.

आयात बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़ रहा है

आयात और निर्यात को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों में डबल डिजिट ग्रोथ देखा जा रहा है. हालांकि, आयात बढ़ने के कारण ट्रेड डेफिसिट बढ़ रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर उन्होंने कहा कि डॉलर के मजबूत होने के कारण रुपए पर दबाव बढ़ रहा है. यही कारण है कि एक्सचेंज रिजर्व घट रहा है.

सरकार की तरफ से तमाम कदम उठाए गए हैं

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ती रहेगी और 2022-23 में सात फीसदी की दर से वृद्धि करेगी. यह अनुकूल नीतिगत माहौल और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अहम ढांचागत सुधारों पर सरकार के जोर देने की वजह से है.’’ वित्त मंत्री ने आईएमएफसी के सदस्यों से कहा कि भारत सरकार ने महंगाई प्रबंधन को जारी रखते हुए वृद्धि की रक्षा करने के लिए कदम उठाए हैं. सरकार ने बीते 25 महीनों से 80 करोड़ से अधिक संवदेनशील परिवारों के लिए नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्धता सुनिश्चित की है.

(भाषा इनपुट के साथ)