वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- इस वित्त वर्ष डबल डिजिट में रहेगा भारत का ग्रोथ रेट, जून तिमाही में विकास दर 13.5% रही थी
India GDP: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ दहाई अंकों में रहेगा. जून तिमाही में देश की इकोनॉमी 13.5 फीसदी की दर से विकास की थी.
India GDP growth rate: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के दहाई अंकों में बने रहने की उम्मीद जताते हुए शनिवार को कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत मजबूत स्थिति में है और जरूरतमंद वर्गों को मदद देने के लिहाज से जिम्मेदार भी है. सीतारमण ने कहा कि जीडीपी वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दर्शाया. इस दौरान उन्होंने उन खबरों का हवाला भी दिया जिनमें कहा गया था कि देश में मंदी का खतरा नहीं है.
दहाई अंक में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
सीतारमण ने इस वर्ष जीडीपी वृद्धि के दहाई अंकों में रहने की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर कहा, कहा, ‘‘मुझे ऐसा होने की उम्मीद है. हम इसके लिए काम करेंगे. यदि आप मंदी की कगार पर नहीं खड़े हैं तो इससे भरोसा मिलता है. जरूरतमंद वर्गों की मदद करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिहाज से आप लगातार कदम उठा रहे हैं...’’
13.5 फीसदी रहा ग्रोथ रेट
कुछ दिन पहले जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी है. वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ लोग इस उच्च वृद्धि के लिए पिछले साल के निम्न आधार को जिम्मेदार बताने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम जिन अर्थव्यवस्थाओं की बात कर रहे हैं उनकी तुलना में हम मजबूत स्थिति में हैं. हम वास्तव में सबसे तेजी से वृद्धि करती हुई अर्थव्यवस्था हैं.’’
मुफ्त ऐलान को लेकर बचना चाहिए
उन्होंने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि भारत से कहीं अधिक विकसित मानी जाने वाली अर्थव्यवस्थाएं इस समय मंदी की कगार पर हैं. सरकारों की तरफ से बांटे जाने वाले मुफ्त उपहारों से जुड़े एक सवाल पर सीतारमण ने कहा, ‘‘हमें इस चर्चा में हिस्सा जरूर लेना चाहिए क्योंकि अगर आप किसी को कुछ निशुल्क दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि उसका बोझ कोई और उठा रहा है.’’उन्होंने सुझाव दिया कि सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के बाद मुफ्त उपहारों के लिए वित्तीय प्रावधान करना चाहिए.