वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के 97वें  वार्षिक दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. 2013-14 में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी. फिलहाल हमारा देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अगले कुछ सालों में हम दुनिया की तीसरी सबसे इकोनॉमी बन जाएंगे.

राजनीतिक स्थिरता और पॉलिसी में सुधार का मिल रहा फायदा

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उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्थिरता, पॉलिसी में सुधार और सरकार की निर्णय लेने की क्षमता से भारतीय अर्थव्यवस्था का तेजी से विस्तार हो रहा है. इन फैक्टर्स के कारण भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में कोई बाधा नहीं है.

कोरोना के समय हमने सही फैसले लिए

सरकार की तरफ से कठिन समय में उठाए गए फैसलों को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ना तो हमने विदेश से कर्ज लिया और ना ही जमकर पैसे छापे. जो लोग उस समय करेंसी छापने की वकालत कर रहे थे, वे लोग ही आज फिस्कल डेफिसिट पर सवाल उठा रहे हैं.

क्या हैं आर्थिक चुनौतियां?

आर्थिक चुनौतियों को लेकर कहा कि इस समय फर्टिलाइजर, फूड और फ्यूल को लेकर पूरी तरह अनिश्चितता की स्थिति है. हमें यह नहीं पता है कि अनाज की सप्लाई ब्लैक सी के रास्ते से होगी या फिर किसी और रास्त से इसकी सप्लाई की जाएगी. यही हाल फर्टिलाइजर और फ्यूल मार्केट का है. यहां वोलाटिलिटी की स्थिति बनी हुई है. पूरा ग्लोबल सप्लाई चेन बिगड़ा हुआ है.

इंटरनेशनल एजेंसी में बदलाव की जरूरत

इंटरनेशनल एजेंसी जैसे वर्ल्ड बैंक (World Bank) और इंटनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि इन एजेंसी में सुधार की आवश्यकता है. वक्त आ गया है कि इंटरनेशनल एजेंसी आज की जरूरत के हिसाब से अपने आप में बदलाव लाएं.

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