केंद्र शासित प्रदेशों में पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों का होगा प्राइवेटाइजेशन, मिलेगी बेहतर सर्विस
केंद्र शासित प्रदेशों (Union territories) में पावर डिस्ट्रीब्यूशन का प्राइवेटाइजेशन कर दिया जाएगा. सीतारमण ने कहा कि ऐसा करने से लोगों को और बेहतर सुविधा मिल सकेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के ऐलान के चौथे दिन पावर डिस्ट्रीब्य़ूशन कंपनियों (Power distribution companies) को लेकर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने अपने घोषणा में कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों (Union territories) में पावर डिस्ट्रीब्यूशन का प्राइवेटाइजेशन कर दिया जाएगा. सीतारमण ने कहा कि ऐसा करने से लोगों को और बेहतर सुविधा मिल सकेगी.
इस घोषणा में वित्त मंत्री ने कहा कि लोड शेडिंग की स्थिति में पेनाल्टी में भी बढ़ोतरी की जाएगी. पावर डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर दूसरे राज्यों के लिए उन्होंने कहा कि इस पर भी विचार किया जाएगा, फिलहाल हम इसकी शुरुआत केन्द्र शासित प्रदेशों से करने जा रहे हैं. हम इसे देशभर के लिए एक मॉडल के तौर पर तैयार करना चाहते हैं.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस फैसले से बिजली उत्पादन को बड़ा सपोर्ट मिलेगा. पावर डिस्ट्रीब्य़ूशन कंपनियों में प्रतिस्पर्धा तेजी होगी. उन्होंने कहा कि सब्सिडी डीबीटी के जरिये दी जाएगी और स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे. वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि इन सुधारों को राज्य सरकारें भी लागू करेंगी.
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सामाजिक बुनियादी ढांजे में प्राइवेट सेक्टर के निवेश को बढ़ाने के लिए बदलाव किए जाएंगे. वैबिलिटी गैप फंडिंग में 30 फीसदी केंद्र और 30 फीसदी राज्य सरकारें देंगी. इससे इस क्षेत्र को बल मिलेगा. लेकिन बाकी सेक्टर्स में 20-20 पर्सेंट ही रहेगा. इसके लिए 8100 करोड़ रुपए का प्रवाधान है.