सरकार देश में जल्द नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (National Logistics Policy) लाने की तैयारी कर रही है. इसे केंद्रीय कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी मिल सकती है. इस पॉलिसी का लक्ष्य देश में लॉजिस्टिक कॉस्ट को देश के जीडीपी के 9 प्रतिशत तक लाने का है. भारत में सामान को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाने के लिए लॉजिस्टिक कॉस्ट देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 14 प्रतिशत है.

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सिंगल विंडो क्लीयरेंस

चीन, अमेरिका, यूरोप जैसे देशों की अर्थव्यवस्था की सफलता की बड़ी वजह वहां पर बेहद कम लॉजिस्टिक कॉस्ट होना है. चीन, अमेरिका, यूरोप जैसे देशों में लॉजिस्टिक कॉस्ट वहां के जीडीपी का 5 प्रतिशत से भी कम है. नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी देश में गुड्स या माल को बिना किसी रुकावट के ट्रांसपोर्टेशन पर जोर देगा. पॉलिसी के प्रस्ताव के मुताबिक ट्रांसपोर्टेशन की झंझटों को खत्म करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस को अपनाया जाएगा.

लॉजिस्टिक कॉस्ट

यही नहीं देश में अहम स्थानों पर वेयरहाउस या उच्चस्तरीय गोदामों की संख्या को भी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. सरकार देश मे लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने के लिए रेलवे या इनलैंड वाटरवेज (inland waterways) पर ट्रांसपोर्टेशन को अधिक से अधिक किये जाने पर जोर दे रही है और इसके लिए दोनों दिशा में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से तैयार कर रही है.