Exclusive: रिधम देसाई के सवाल नंदन निलेकणी के जवाब- 'ONDC के बढ़ने से हाइपर लोकल को होगा फायदा'
हमारे भारत को अब दुनिया डिजिटल इंडिया के नाम से भी पहचानती है. हम अब चंद सेकेंड में भी पैसे की लेनदेन पूरी कर लेते हैं. कम्यूनिकेशन हो फिर एजुकेशन डिजिटलाइजेशन ने सभी सेक्टर और इंडस्ट्री की ग्रोथ को गति दे दी है.
हमारे भारत को अब दुनिया डिजिटल इंडिया के नाम से भी पहचानती है. हम अब चंद सेकेंड में भी पैसे की लेनदेन पूरी कर लेते हैं. कम्यूनिकेशन हो फिर एजुकेशन डिजिटलाइजेशन ने सभी सेक्टर और इंडस्ट्री की ग्रोथ को गति दे दी है. इससे न केवल पूरा देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है, बल्कि हम यह भी मानते हैं कि यह दौर भारत का ही है. इसमें सबसे बड़ा योगदान टेक्नोलॉजी और आउटसोर्सिंग सर्विसेज का है, जिसने भारत को दुनिया का दफ्तर बना दिया.
डिजिटलाइजेशन ने बदली भारत की ग्रोथ स्टोरी
140 करोड़ से ज्यादा लोगों की आबादी वाले इस विशाल देश में डिजिटलाइजेशन ने देश के प्रत्येक नागरिकों के लिए तमाम सर्विसेज तक पहुंच को बेहद आसान बना दिया है, जो कुछ साल पहले तक असंभव सा लगता था. डिजिटल इंडिया की तरक्की और इसमें AI की उपयोगिता जैसे कुछ अहम पहलुओं पर मॉर्गन स्टैनली के चीफ इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट रिधम देसाई ने इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि से खास बातचीत की है.
1. सवाल: पिछले 3 दशकों में भारत में हुए परिवर्तन में से आपको सबसे ज्यादा कौन सी बात प्रभावित करती है?
जवाब: आज का भारत बहुत अलग है, ये आत्मविश्वास से भरा है, IIT जैसे संस्थानों से पढ़े लोग यहां कंपनी शुरू करना चाहते हैं. ऐसी भावना है कि हमारा समय आ चुका है.
2. सवाल: वो कौन सा क्षण था जब आपको अहसास हुआ कि भारत को रीबूट करने के लिए आप अपने संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं?
जवाब: मैं पहली बार सरकार से जुड़ा जब मैंने बैंगलोर एजेंडा टास्कफोर्स पर काम किया. मुझे लगा कि टेक्नोलॉजी सरकार के लिए बहुत प्रासंगिक नहीं थी, लेकिन 3-4 साल बाद मुझे लगा कि इसका हल निकालने के लिए टेक्नोलॉजी ही एक मात्र साधन है.
3. सवाल: इंडिया स्टैक क्या है? क्योंकि न तो ये कोई ऐप है और न ही प्लैटफॉर्म, तो ये आखिर है क्या?
जवाब: इंडिया स्टैक के बारे में बिल्कुल इंटरनेट या GPS की तरह सोचें, यह डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है.
4. सवाल: इस विचार की प्रेरणा कहां से मिली?
जवाब: सरकार ने यूनिक ID पर काम करने के लिए 2006 में स्वतंत्र रूप से एक कमिटी बनाई थी. सरकार ने आधार पर डिजिटल ID की तरह नहीं बल्कि यूनिक ID की तरह सोचा था. मैंने इसे भविष्य के हिसाब से, डिजिटली और क्लाउड पर करने के बारे में सोचा.
5. सवाल: क्या इसके जैसा दुनिया में और कुछ है?
जवाब: इतने बड़े पैमाने पर कोई सार्वजनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, जिसका उपयोग 1.3 अरब लोग करते हैं और जो ओपन API के साथ उपलब्ध है.
6. सवाल: क्या आप कुछ उदाहरण दे सकते हैं कि डिजिटलाइजेशन किस तरह लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहा है?
जवाब: लोग अब वास्तव में अपनी ID दिखा सकते हैं. हमने KYC शुरू किया, जिससे आप बैंक खाता खुलवा सकते हैं या फिर मोबाइल कनेक्शन ले सकते हैं. सरकार ने फाइनेंशियल इनक्लूजन के लिए जन-धन योजना लॉन्च की, जिससे करोड़ों लोगों के बैंक खाते आसानी से खुल पाए. ऑनलाइन KYC की वजह से फाइनेंशियल इनक्लूजन में तेजी आई, जिससे ज्यादा लोगों को अर्थव्यवस्था में भागीदार बनने का मौका मिला.
7. सवाल: क्या स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा में इसके उदाहरण हैं?
जवाब: महामारी के दौरान जब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे तब सरकार के दीक्षा प्रोग्राम ने लाखों शिक्षकों को सीखने में मदद की. स्वास्थ्य के क्षेत्र में हेल्थ स्टैट, इंटरऑपरेबल इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बनाने की योजना है.
8. सवाल: जब आधार औपचारिक रूप से लॉन्च हुआ तब इंडिया स्टैक को लेकर आपका जो विजन था, उसके सामने हमने कैसा प्रदर्शन किया है?
जवाब: मैं डिजिटल ID को एक फाउंडेशन के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता था, इसीलिए इसका नाम आधार रखा गया. आधार से फाइनेंशियल इनक्लूजन में तेजी आई, मोबाइल इनक्लूजन में KYC के लिए इसका इस्तेमाल हुआ.
9. सवाल: इंडिया स्टैक के सबसे अच्छे इस्तेमाल में से एक UPI है, क्या आप इसके बारे में कुछ जानकारी दे सकते हैं?
जवाब: UPI का विचार हमारे मन में चल रहा था और इस पर पहली बैठक 2013 में हुई. स्मार्टफोन के इस्तेमाल में उछाल देखकर हमें लगा कि मोबाइल फर्स्ट पेमेंट सिस्टम से बड़े पैमाने पर ई-कॉमर्स क्षमताओं का निर्माण किया जा सकता है. हम समझ चुके थे कि बैंक कनेक्शन और सरकारी सब्सिडी ट्रांसफर इससे आसान हो सकता है.
10. सवाल: ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स जैसे इनोवेशन?
जवाब: 3-4 ऐसी चीजें हो रही हैं जो बहुत रोमांचक हैं. एक ONDC है. एक बार ONDC बड़े पैमाने पर बढ़ने के बाद हाइपर लोकल कॉमर्स बहुत आसान हो जाएगा. आप घर बैठे ऐप पर पड़ोस की किराना दुकान से कोई भी सामान तुरंत ऑर्डर कर पाएंगे क्योंकि वो भी ONDC से जुड़ा होगा. भारत में लेंडर्स के लिए छोटे कर्जदारों से डील करने का खर्च बहुत ज्यादा है इसलिए वो उन्हें कर्ज नहीं देते. कर्ज का सारा ब्यौरा डिजिटल होने से लोगों के लिए क्रेडिट एक्सेस आसान हो जाता है.
11. सवाल: AI इंडिया स्टैक के लिए खतरा है या यह इसका पूरक है?
जवाब: AI इंडिया स्टैक का पूरक है, बहुत से लोगों को एक साथ सर्विस देने में मदद मिलती है.
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