MSME Loan: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को कहा कि महिलाओं की अगुवाई वाले सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सीजीटीएमएसई योजना के तहत अब 90 प्रतिशत तक कर्ज बिना किसी गारंटी के ही मिल सकेगा. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री मांझी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीजीटीएमएसई के निदेशक मंडल ने इस संबंध में नए दिशानिर्देशों को पिछले सप्ताह मंजूरी दी. इस निर्णय से महिलाओं की अगुवाई वाले 27 लाख MSME को लाभ मिलने की उम्मीद है. 

बिना गारंटी मिलेगी लोन

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मंत्री ने कहा कि यह महिला उद्यमियों के लिए बैंकों से किसी गारंटी के बगैर दिए जाने वाले कर्ज तक पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ऋण गारंटी निधि ट्रस्ट (CGTMSE) के निदेशक मंडल के फैसले से पहले महिला स्वामित्व वाली इकाइयां 85 प्रतिशत ऋण गारंटी कवरेज पाने की हकदार थीं. 

मांझी ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में अपने मंत्रालय की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए कहा कि ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का एक साल पूरा होने पर 20 सितंबर को महाराष्ट्र के वर्धा में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के भी शामिल होने की उम्मीद है. 

21 करोड़ लोगों को मिला रोजगार

MSME मंत्री ने कहा कि 5.07 करोड़ एमएसएमई को अब संगठित रूप दिया जा चुका है. इससे 21 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है. 

MSME मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत पिछले 100 दिनों में कई मंजूरियां दी गई हैं. इसके तहत 3,148 करोड़ रुपये के ऋण वितरण के साथ 26,426 नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए हैं. इस कदम से 2.11 लाख से अधिक लोगों के लिए आय एवं रोजगार उत्पन्न होने और ग्रामीण एवं शहरी उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. 

इन शहरों में बन रहा 

मांझी ने कहा कि MSME मंत्रालय 2,800 करोड़ रुपये के निवेश से नागपुर, पुणे और बोकारो सहित देश भर में 14 प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है. 

उन्होंने कहा, ‘‘ये केंद्र सार्वजनिक-निजी भागीदारी में स्थापित किए जाएंगे और स्थानीय एमएसएमई को उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों, कौशल विकास व व्यापार सलाहकार सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेंगे.’’ 

मंत्रालय ने कहा कि प्रौद्योगिकी केंद्रों के गठन से एक लाख एमएसएमई की पहुंच प्रौद्योगिकी तक बन पाएगी और अगले पांच वर्षों में तीन लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.