अर्थव्यवस्था का पूरी तरह से खुलना, कंजप्शन में सुधार, निजी क्षेत्र के कैपेक्स में वृद्धि और सरकारी खर्च में तेजी से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.2 फीसदी की वृद्धि होगी. ये बात मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कही है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में महंगाई 5 फीसदी से नीचे रहने की संभावना है. मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, निरंतर घरेलू मांग की सबसे बड़ी कुंजी कैपेक्स में तेजी है, जो अधिक रोजगार पैदा करने में मदद करेगी. मार्च में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) उम्मीदों के अनुरूप था.

जून तिमाही में महंगाई घटकर 5 फीसदी के नीचे संभव

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मॉर्गन स्टेनली ने कहा, हमें उम्मीद है कि अनुकूल बेस इफेक्ट और कमोडिटी की कीमतों में नरमी से जून की समाप्त तिमाही में महंगाई दर घटकर 5 फीसदी से नीचे आ जाएगी. अप्रैल में महंगाई के 4.7 फीसदी पर रहने का अनुमान है. हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2024 में महंगाई औसतन 5.5 फीसदी के आसपास रहेगी.

रेपो रेट 2023 में स्थिर रहने का अनुमान

रेपो रेट पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई पर, यह उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 में दरें स्थिर रहेंगी क्योंकि महंगाई 6 फीसदी के निशान से नीचे रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है, वास्तव में, हम उम्मीद करते हैं कि जून में समाप्त तिमाही में महंगाई 5 फीसदी से नीचे होगी और वित्त वर्ष 24 में इसके 5.5 फीसदी का पूवार्नुमान है.

 

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