भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मॉनसून को लेकर आशंका जाहिर की है. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल अच्छी और जोरदार बारिश होने का अनुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून की चाल पर अल नीनो को कोई खतरा नहीं है. अल-नीनो की स्थिति न्यूट्रल है. मौसम विभाग ने अलनीनो को लेकर दुनिया भर की एजेंसियों की आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों की मौसम एजेंसियों समेत भारत में स्काईमेट ने भी मॉनसून की चाल पर अलनीनो के असर की आशंका जताई थी.

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मजबूत अल नीनो के आसार नहीं

भारत मौसम विभाग के महानिदेशक के जे रमेश ने कहा है कि इस साल अच्छी बारिश हो सकती है. अल नीनो के खतरे में उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने भी मजबूत अलीनो की बात नहीं की है. हाालंकि, फिलहाल मॉनसून के पैटर्न के बार में भी कुछ कहना जल्दबाजी ही है. लेकिन, आसान दिखते हैं कि इस साल अच्छी बारिश होगी. आगे हालात बदल सकते हैं, इसलिए सही अनुमान का इंतजार करना होगा. भारतीय मौसम विभाग अगले महीने मॉनसून का पहला अनुमान जारी करेगा.

क्या है अच्छा मानसून

सामान्य, औसत या फिर अच्छे मानसून का मतलब है कि 50 साल की लंबी अवधि के औसत का लगभग 96 फीसदी से 104 फीसदी बारिश का होना. अच्छे मॉनसून की यह परिभाषा मौसम विभाग द्वारा दी गई है. वहीं, 90 फीसदी से कम बारिश देश में सूखे की स्थिति रहती है.

मॉनसून का इकोनॉमी पर असर

मॉनसून का सीधा असर इकोनॉमी से जुड़ा है. क्योंकि, इसका सबसे पहला असर ग्रामीण आबादी पर पड़ता है. सामान्य और अच्छा मॉनसून रहने से ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय बढ़ती है. डिमांड में भी तेजी आती है. इंडस्ट्रीज को फायदा मिलता है. देश के कई आर्थिक आंकड़ों में सुधार देखने को मिलता है. वहीं महंगाई के क्षेत्र में भी राहत देखने को मिलती है.

बैंकिंग सेक्टर को मिलती है मजबूती

देश में अच्छे मॉनसून से बैंकिंग सेक्टर को भी मजबूती मिलती है. खरीफ के सीजन में किसान भी फसल के लिए कर्ज लेता है. यह कर्ज सरकारी, को-ऑपेरेटिव बैंक और ग्रामीण बैंकों से लिया जाता है. अच्छा मॉनसून रहने से बैंकों को अपना कर्ज वापस मिलने की गारंटी मिल जाती है. कर्ज का पैसा वापस मिलने से NPA काबू करने में मदद मिलती है. वहीं, किसानों की बढ़ी आमदनी से भी बैंकों की ग्रामीण शाखाओं के खाते में अच्छी सेविंग्स मिलती है. 

मॉनसून का शेयर बाजार पर असर

मॉनसून का सीधा कनेक्शन खपत से होता है. इसलिए अच्छा मॉनसून रहने की स्थिति में कंजप्शन बेस्ड सेक्टर में तेजी से डिमांड बढ़ती है. इस सीजन में खरीद की क्षमता बढ़ने से कृषि उपकरण निर्माता, टू-व्हीलर्स और ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों को अच्छी कमाई की उम्मीद रहती है. वहीं, केमिकल्स, फर्टिलाइजर्स और एफएमसीजी कंपनियों को भी आय बढ़ने की उम्मीद होती है. बैंक और फाइनेंशियल सेक्टर को भी ग्रामीणों की आय और कर्ज वापसी का फायदा मिलता है. अच्छे मॉनसून से तमाम सेक्टर्स की कंपनियों के शेयरों में तेजी आती है, जिसका सीधा फायदा शेयर बाजार को मिलता है.