RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गुरुवार (6 अगस्त) को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को एक बार फिर 6.5 फीसदी पर बरकरार रख सकता है. एक्सपर्ट्स ने यह अनुमान जताते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक दर में कटौती करने से पहले अधिक व्यापक आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर सकता है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने फिलहाल अपनी ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है और संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में ढील दी जा सकती है.

8 अगस्त को आएगा फैसला

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एक्सपर्ट्स ने कहा कि महंगाई का दबाव बने रहने के बीच आरबीआई ब्याज दर पर अपना रुख बदलने से पहले अमेरिकी मौद्रिक नीति पर बारीकी से नजर रखेगा मौद्रिक नीति समिति (MPC) भी दर में कटौती से परहेज कर सकती है, क्योंकि भले ही ब्याज दर 6.5 फीसदी (Repo Rate) तक बढ़ा दी गई हो, इकोनॉमिक ग्रोथ अच्छी है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक 6-8 अगस्त के बीच होनी है. दास 8 अगस्त को दर निर्धारण समिति के फैसले की घोषणा करेंगे.

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दर में कटौती की गुंजाइश नहीं

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, हमें उम्मीद है कि आगामी नीतिगत समीक्षा में आरबीआई यथास्थिति बनाए रखेगा. मुद्रास्फीति आज भी 5.1 फीसदी के उच्चस्तर पर बनी हुई है और आने वाले महीनों में इसमें संख्यात्मक रूप से कमी आएगी, लेकिन आधार प्रभाव के कारण यह अधिक बनी रहेगी.

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में हाई ग्रोथ, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.9 फीसदी की मुद्रास्फीति के साथ मिलकर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में रुख बना रही है. उन्होंने कहा कि अगस्त, 2024 की बैठक में रुख में बदलाव या दर में कटौती की गुंजाइश नहीं लग रही है.

अक्टूबर में रुख में बदलाव संभव

उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून और वैश्विक या घरेलू झटकों की अनुपस्थिति में खाद्य महंगाई अनुकूल हो जाती है, तो अक्टूबर, 2024 में रुख में बदलाव संभव है. इसके बाद दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में ब्याज दरों में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है.

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सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने भी कहा कि केंद्रीय बैंक से ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद है, क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति लगातार चुनौतियां पेश कर रही है.