Trade in Rupees: वैश्विक स्‍तर पर बदले हालात, डॉलर में लगातार मजबूती और जियो पॉलिटिकल टेंशन के बीच भारत सरकार रुपये में ट्रेड को बढ़ावा देने पर गंभीर पहल कर रही है. वित्‍त मंत्रालय ने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) की अध्‍यक्षता में एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में रुपये के इंटरनेशनल ट्रेड से जुड़े सभी स्‍टेकहोल्‍डर शामिल होंगे. 

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सूत्रों के मुताबिक, DFS की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में वाणिज्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के अधिकारी, आरबीआई, बैंक, IBA के प्रतिनिधि और इंडस्‍ट्री एसोसिएशन के लोग शामिल रहेंगे. जानकारी के मुताबिक, बैंकों को ट्रेड पार्टनर और एक्सपोर्टर से रुपये में ट्रेड के लिए बातचीत के लिए कहा जाएगा. 

RBI दे चुका है इजाजत

ग्‍लोबल ट्रेड ग्रोथ में भारत से एक्‍सपोर्ट को प्रमोट करने और ग्‍लोबल कारोबारी कम्‍युनिटी का रुपये में बढ़ते इंटरेस्‍ट को सपोर्ट करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रुपये में विदेशी व्यापार करने की इजाजत दे दी है. रिजर्व बैंक रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए मैकेनिज्म लेकर आया है, जिसके तहत अब एक्सपोर्ट-इम्‍पोर्ट का सेटलमेंट रुपये में हो सकेगा.  

क्‍या है RBI का मैकेनिज्‍म?

RBI की ओर से हाल ही में जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए ऑथराइज्ड डीलर (AD) को RBI से अनुमति लेनी होगी. विदेशी मुद्रा अधिनियम कानून 1999 के तहत रुपये में इनवॉयस की व्यवस्था होगी. जिस देश के साथ कारोबार होगा, उसकी मुद्रा और रुपये की कीमत बाजार आधारित होगी.

नोटिफिकेशन के मुताबिक, रुपये में भी सेटलमेंट के नियम दूसरी करेंसीज की तरह ही होंगे. एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा. वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act- 1999) के तहत कवर होंगे. नोटिफिकेशन के मुताबिक, ट्रेड सेटलमेंट के लिए संबंधित बैंकों को पार्टनर कारोबारी देश के AD बैंक के स्‍पेशल रुपया वोस्ट्रो (VOSTRO) अकाउंट की जरूरत होगी.