केंद्र की मोदी सरकार ने अगले साल के बजट की तैयारियां शुरू कर दी हैं. मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी साल में भी कुछ अलग करने की योजना बना रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार पुराने रिवाजों को बदलते हुए 2019 में चुनाव से पहले पूर्ण बजट पेश करेगी. हालांकि, इससे पहले तक लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अंतरिम बजट पेश होते रहे हैं. नई सरकार आने पर पूर्ण बजट पेश किया जाता है. लेकिन, सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार इस रिवाज को भी बदलने की तैयारी कर चुकी है.

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अंग्रेजी अखबार मिंट में छपी खबर के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार अपने आखिरी साल में भी पूर्ण बजट पेश करेगी. आमतौर पर लोकसभा चुनाव के साल में अंतरिम बजट ही पेश किया जाता था. मिंट की खबर के मुताबिक, सरकार पूर्ण बजट पेश करके यह दर्शाना चाहती है कि 2019 में उसे अपनी सरकार बनने का भरोसा है.

तैयारियां हुई शुरू

वित्त मंत्रालय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण के लिए केंद्रीय मंत्रालयों से सुझाव मांगे हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ये सरकार का आखिरी बजट होगा. मिंट ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा है कि वित्त मंत्रालय 1 फरवरी 2019 को पूर्ण बजट पेश करने की योजना बना रहा है. मई 2019 में सरकार के 5 साल पूरे हो जाएंगे. इस हिसाब से मार्च-अप्रैल में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं. लेकिन, सरकार इससे पहले अपना पूर्ण बजट पेश करना चाहती है.

क्यों पूर्ण बजट पेश करना चाहती है सरकार

अधिकारी के मुताबिक, मोदी सरकार ग्रोथ के पहिए को रोकना नहीं चाहती. इसलिए पॉलिसी में निरंतरता रखना चाहती है. देश की जनता को यह जानना चाहिए कि सरकार जिन नीतियों पर काम कर रही है, उनमें निरंतरता है. चुनाव के कारण ग्रोथ को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए. उन्होंने बताया कि सरकार 2018-19 का इकोनॉमिक रिपोर्ट कार्ड भी जारी करेगी, जो आमतौर पर अगली सरकार का काम होता है. बजट की तैयारियों को देखते हुए 3 दिसंबर के बाद वित्त मंत्रालय में मीडिया की एंट्री को भी बंद कर दिया जाएगा.

वित्त मंत्रालय ने मांगे सुझाव

वित्त मंत्रालय ने एक पत्र भेजकर मंत्रालयों से 30 नवंबर 2018 तक अपने विभाग से संबंधित जरूरी सूचना और सुझाव मांगे हैं. बजट भाषण में शामिल करने के लिए सामग्री भेजने को भी कहा गया है. बजट की तैयारी अक्टूबर से ही शुरू कर दी जाती है.