मोदी सरकार जल्द दे सकती है बड़ी खुशखबरी, आम आदमी के लिए घर बनाना होगा आसान
अगले हफ्ते होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में सीमेंट जैसे निर्माण सामाग्री पर GST दर कम की जा सकती है. जीएसटी काउंसिल 28 फीसदी के स्लैब को और कम करने जा रही है.
आम आमदी को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है. अब घर बनाने का खर्च कम हो सकता है. दरअसल, घर बनाने के सामान पर लगने पर वाले टैक्स में कटौती की जा सकती है. मोदी सरकार जल्द ही इस पर फैसला ले सकती है. आपको बता दें, अगले हफ्ते होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में सीमेंट जैसे निर्माण सामाग्री पर GST दर कम की जा सकती है. जीएसटी काउंसिल 28 फीसदी के स्लैब को और कम करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक, जीएसटी के 28 फीसदी वाले सबसे ऊंचे स्लैब को तर्कसंगत बनाया जा सकता है.
रियल्टी सेक्टर को बढ़ावा देने की तैयारी
रियल्टी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार सीमेंट पर जीएसटी घटाने पर विचार कर रही है. अभी सीमेंट पर 28% जीएसटी लगता है. इसे 18% किया जा सकता है. अभी 28% जीएसटी के साथ एक बोरी सीमेंट की कीमत 300 रुपए है, तो 18% जीएसटी रेट लगने पर कीमत 275-280 रुपए हो जाएगी. यानी प्रति बैग 20-25 रुपए का फायदा होगा.
22 दिसंबर को होगी GST काउंसिल की बैठक
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 22 दिसंबर को होनी है. सूत्रों के मुताबिक, इसमें 28% जीएसटी स्लैब में आने वाली वस्तुओं पर विचार होगा. 28% स्लैब में सिर्फ लग्जरी और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुएं रखने का इरादा है. इससे पहले जीएसटी काउंसिल 28 फीसदी के स्लैब में आने वाली वस्तुओं पर टैक्स कम कर चुकी है. पिछले डेढ़ साल में 191 वस्तुओं पर टैक्स की दरों को कम किया गया है. फिलहाल, 28 फीसदी के स्लैब में 35 वस्तुएं हैं.
पहले भी घट चुके हैं दाम
GST काउंसिल ने जुलाई की बैठक में रियल्टी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को राहत देते हुए पेंट और वार्निश पर जीएसटी रेट 28% से घटाकर 18% किया था. इसके अलावा परफ्यूम, कॉस्मेटिक्स, हेयर ड्रायर, शेवर, मिक्सर ग्राइंडर, वैक्यूम क्लीनर और लिथियम आयन बैटरी पर भी रेट 28% से घटाकर 18% किए गए थे.
सीमेंट उत्पादन में भी आएगी तेजी
2018-19 में अप्रैल से सितंबर के दौरान सीमेंट की बिक्री 14% बढ़ी है. 2009-10 के बाद पहली बार इसमें 10% से ज्यादा ग्रोथ देखने को मिली है. देश में 50 करोड़ टन सीमेंट उत्पादन की क्षमता है. लेकिन, अभी 30 करोड़ टन ही उत्पादन हो रहा है.
निर्माण में आएगी तेजी, रोजगार भी बढ़ेगा
उच्च कर श्रेणी में आने वाले 35 जिंसों में सीमेंट, वाहनों के कल-पुर्जे, टायर, वाहनों के उपकरण, मोटर वाहन, विमान, सट्टा तथा तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला जैसी अहितकर वस्तुएं शामिल हैं. अधिकारी ने कहा कि सीमेंट पर जीएसटी दर कम होने से आवास और निर्माण उद्योग को गति मिलेगी. साथ ही रोजगार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.