बजट 2019 : रियल्टी सेक्टर को बड़ी राहत, अनुमानित किराये पर कर-शुल्क से छूट
बिना बिके हुए घरों/फ्लैटों के अनुमानित किराये पर कर-शुल्क से छूट की अवधि को परियोजना पूर्ण होने के वर्ष के अंतिम समय के एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष तक करने का प्रस्ताव किया है.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ष 2019 का बजट पेश करते हुए रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है. सरकार के इस कदम से सुस्त पड़ी रियल्टी सेक्टर की रफ्तार को गति मिलेगी. रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने शुक्रवार को कई कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें बिना बिके हुए घरों/फ्लैटों के अनुमानित किराये पर कर-शुल्क से छूट की अवधि को परियोजना पूर्ण होने के वर्ष के अंतिम समय के एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष तक करने का प्रस्ताव किया है. बिना बिके घरों के मालिकों को फिलहाल अनुमानित किराए पर एक वर्ष की अवधि के लिए कर-शुल्क से छूट प्राप्त थी. मकान के किराये पर कर कटौती के लिए टीडीएस सीमा को 1.80 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा 2020 तक बिल्डर प्रोजेक्ट रजिस्टर करने पर बिल्डर की अनसोल्ड इंवेटरी पर नोशनल रेंट नहीं लगेगा.
अंतरिम बजट 2019-20 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए अनुमानित किराये पर कर-शुल्क से छूट की अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष तक करने का प्रस्ताव किया है. अनुमानित किराए पर अपने कब्जे वाले दूसरे मकान के अनुमानित किराये पर लगने वाले आयकर के शुल्क में छूट दी जाएगी. वर्तमान में यदि एक व्यक्ति के पास एक से अधिक अपना घर है तो उसे अनुमानित किराये पर आयकर का भुगतान करना होता है.
पीयूष गोयल ने कहा कि अपनी नौकरियों, बच्चों की शिक्षा और माता-पिता की देखभाल के लिए दो स्थानों पर परिवार रखने के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस राहत की घोषणा की गई है. इसलिए बिना बिके हुए घरों/फ्लैटों के अनुमानित किराये पर कर-शुल्क से छूट की अवधि को परियोजना पूर्ण होने के वर्ष के अंतिम समय के एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष तक करने का प्रस्ताव किया है.
किफायती आवास खंड को बढ़ावा देने के लिए, वित्तमंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि आयकर अधिनियम की धारा 80-आईबीए के अंतर्गत लाभों को एक और वर्ष के लिए विस्तारित किया जाएगा और अब यह मार्च 2020 तक स्वीकृत आवासीय परियोजना पर लागू होगा.
साथ ही, दो करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभों को प्राप्त करने वाले एक करदाता के एक आवासीय घर से दूसरे आवासीय घर में निवेश के लिए आयकर अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत पूंजीगत लाभों में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया. इस लाभ को जीवन में एक बार ही प्राप्त किया जा सकता है.
(आईएएनएस से)