मोदी सरकार का बड़ा फैसले, देश की 5 बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने को कैबिनेट मंजूरी
BPCL के अलावा कंटेनर कॉरपोरेशन (ConCor), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (THDCIL), नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) और शिपिंग कॉरपरेशन (SCI) के विनिवेश को भी मंजूरी मिली है.
केंद्र की मोदी सरकार सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. मोदी कैबिनेट की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए स्ट्रैटेजिक विनिवेश को मंजूरी दे दी है. बुधवार देर शाम हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई बड़े फैसलों की घोषणा की. भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) समेत 5 सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेची जाएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के मुताबिक, BPCL के अलावा कंटेनर कॉरपोरेशन (ConCor), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (THDCIL), नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) और शिपिंग कॉरपरेशन (SCI) के विनिवेश को भी मंजूरी मिली है. कुछ CPSEs में हिस्सा 51% से घटाने को मंजूरी दी गई है. हालांकि, इनका मैनेजमेंट कंट्रोल सरकार के पास होगा.
किन कंपनियों में हिस्सेदारी घटाएगी सरकार
- कैबिनेट ने 7 CPSEs में विनिवेश को मंजूरी दी.
- SCI में 63.75 फीसदी हिस्सेदारी, कॉनकोर में 30.8 फीसदी हिस्सेदारी घटाने को मंजूरी दी.
- शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिय (SCI) के खरीदार को मैनेजमेंट कंट्रोल भी मिलेगा.
- नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) की 100 फीसदी हिस्सेदारी NTPC को दी जाएगी.
- टीएचडीसीएल इंडिया लिमिटेड (THDCIL) का मैनेजमेंट कंट्रोल भी NTPC को मिलेगा.
- THDCIL और NEEPCO में सरकारी हिस्सेदारी को सार्वजनिक क्षेत्र की NTPC को बेचा जाएगा.
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IOC में भी हिस्सा बिक्री को मंजूरी
सरकार ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) जैसी चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में भी अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से घटाने को मंजूरी दी है. हालांकि, इन कंपनियों में मैनेजमेंट कंट्रोल सरकार के पास ही होगा. सरकार की फिलहाल IOC में 51.5 फीसदी हिस्सेदारी है. 25.9 फीसदी हिस्सेदारी LIC के पास और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और OIL के पास है. सरकार IOC में 26.4 फीसदी हिस्सा करीब 33,000 करोड़ रुपए में बेच सकती है.
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नुमालीगढ़ रिफाइनरी नहीं बेचेगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, सरकार BPCL में स्ट्रैटजिक विनिवेश करेगी, लेकिन बीपीसीएल का एक हिस्सा असम की नुमलीगढ़ा रिफाइनरी (NRL) को सरकार नहीं बेचेगी. उन्होंने कहा, नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड की 61.65 फीसदी हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी. इसमें सरकार की हिस्सेदारी बनी रहेगी. बीपीसीएल का पूरा मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर होगा.