Modi Cabinet Big Decisions: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 2,869.65 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में हवाई अड्डे (Varanasi Airport) के विकास में नए टर्मिनल भवन का निर्माण, एप्रन (पार्किंग) और हवाई पट्टी का विस्तार, समानांतर टैक्सी ट्रैक और अन्य कार्य शामिल हैं. इस पर 2,869.65 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) के प्रस्ताव का उद्देश्य हवाई अड्डे की यात्री संचालन क्षमता को मौजूदा 39 लाख यात्री प्रति वर्ष से बढ़ाकर 99 लाख यात्री यात्री प्रति वर्ष करना है. 

 

वधावन बंदरगाह प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महाराष्ट्र के दहानू के पास वधावन में 76,220 करोड़ रुपये की लागत से एक प्रमुख बंदरगाह की स्थापना को मंजूरी दी गई. इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है. इस परियोजना का निर्माण वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (वीपीपीएल) द्वारा किया जाएगा. यह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) द्वारा गठित एक एसपीवी है. इसमें इनकी क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

 

वधावन बंदरगाह को महाराष्ट्र के पालघर जिले के वधावन में हर मौसम में काम आने वाले ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए भूमि अधिग्रहण घटक सहित कुल परियोजना लागत 76,220 करोड़ रुपये है. इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में मुख्य बुनियादी ढांचे, टर्मिनलों और अन्य वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे का विकास शामिल होगा.

रेल फ्रेट कॉरिडोर के लिए रेलवे कनेक्टिविटी की मंजूरी

मंत्रिमंडल ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बंदरगाह और राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क संपर्क स्थापित करने तथा रेल मंत्रालय द्वारा मौजूदा रेल नेटवर्क और आगामी समर्पित रेल फ्रेट कॉरिडोर के लिए रेल संपर्क स्थापित करने को भी मंजूरी दी.

बंदरगाह में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे. इनमें से प्रत्येक 1,000 मीटर लंबा होगा. तटीय बर्थ सहित चार बहुउद्देशीय बर्थ, चार लिक्विड कार्गो बर्थ, एक रो-रो बर्थ और एक तटरक्षक बर्थ शामिल होंगे. इस परियोजना में समुद्र में 1,448 हेक्टेयर क्षेत्र का पुनर्ग्रहण और 10.14 किलोमीटर अपतटीय ब्रेकवाटर और कंटेनर/कार्गो भंडारण क्षेत्रों का निर्माण शामिल है.

इस परियोजना से प्रति वर्ष 298 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) की संचयी क्षमता सृजित होगी. इसमें लगभग 23.2 मिलियन टीईयू (लगभग 20 फुट) कंटेनर हैंडलिंग क्षमता शामिल है. निर्मित क्षमताएं आईएमईईसी (भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा) और आईएनएसटीसी (अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा) के माध्यम से ईएसआईएम व्यापार प्रवाह में भी सहायता करेंगी.

विश्व स्तरीय समुद्री टर्मिनल सुविधाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देती हैं और सुदूर पूर्व, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और अमेरिका के बीच अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लाइनों पर चलने वाले मुख्य लाइन मेगा जहाजों को संभालने में सक्षम अत्याधुनिक टर्मिनल बनाने के लिए दक्षता और आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाती हैं.

10 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

बयान में कहा गया है कि परियोजना के पूरा होने पर वधावन बंदरगाह दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों में से एक होगा. बयान में कहा गया है कि पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के उद्देश्यों के साथ यह परियोजना आर्थिक गतिविधि को बढ़ाएगी. इसमें लगभग 10 लाख व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता भी होगी. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान मिलेगा.