Semiconductor Industry: फैबलेस चिप कंपनी एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज (L&T Semiconductor Technologies) को उम्मीद है कि उसके डिजाइन किए गए सेमीकंडक्टर उत्पादों का निर्माण अगले दो साल में शुरू हो जाएगा. एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) संदीप कुमार ने कहा कि कंपनी अलग-अलग सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों के लिए 5 करोड़ अमेरिकी डॉलर से 1 अरब डॉलर की सीमा में राजस्व हासिल करने की क्षमता होने पर अपना चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करेगी.

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उन्होंने कहा कि कंपनी लगभग 15 अलग-अलग उत्पादों को समानांतर रूप से संभालने के लिए टीम बना रही है. इस संबंध में करीब आधा काम किया जा चुका है. कुमार ने कहा, अगले छह महीनों में हमारे पास पूरी ताकत होगी. इस साल के अंत तक, हम 15 समानांतर उत्पाद डिजाइनों को संभालने में सक्षम होंगे. चूंकि हमारे पास आधी टीम तैयार है, इसलिए लगभग छह उत्पाद डिजाइन पहले ही शुरू हो चुके हैं. वे डिजाइन अगले साल के अंत तक पेश होंगे. आज से दो साल में उत्पादन शुरू हो जाएगा.

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उन्होंने कहा कि कंपनी का मानना ​​है कि देश में विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करने के लिए फैबलेस चिप फर्म के रूप में शुरुआत करना महत्वपूर्ण है. कुमार ने कहा, सबसे पहले, हमें उत्पाद बनाने की जरूरत है. हमें यह पता लगाना होगा कि उन उत्पादों को कैसे बेचा जाए जो वास्तविक रणनीतिक मूल्य के हैं. कल, आप एक कारखाना बनाते हैं और वह बाहर से किसी और के उत्पाद बना रहा होता है. आप हमेशा किसी अन्य फैब में जा सकते हैं, और वह फाउंड्री बंद हो सकती है. हमेशा ऐसा जोखिम रहता है.

उन्होंने एक काल्पनिक स्थिति के बारे में भी बात की, जहां अगर कोई विकसित देश भारत के साथ प्रौद्योगिकी साझा करना बंद करने का फैसला लेता है, तो उस स्थिति में घरेलू बाजार में पूरी तकनीक क्षेत्र ठप्प पड़ सकता है. कुमार ने कहा कि अगर कोई स्वदेशी कंपनी कोई उत्पाद बनाती है तो यह सुनिश्चित है कि वह उत्पाद रणनीतिक रूप से भारत में ही बना रहेगा.

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टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स(Tata Electronics), माइक्रोन (Micron), सीजी पावर (CG Power) और केनेस टेक्नोलॉजीज (Kaynes Technologies) 1.52 लाख करोड़ रुपये के संचयी निवेश से भारत में सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित कर रही हैं.