सरकार नई नीति के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों को 100 करोड़ रुपये के मियादी कर्ज पर ऋण गारंटी तथा 1,000 करोड़ रुपये तक के ऋण पर ब्याज सब्सिडी देने की योजना बना रही है. इस नई नीति पर काम चल रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थतिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए ऋण गारंटी कोष (सीजीएफ) तथा ब्याज सहायता योजना (आईएसएस) का प्रस्ताव किया है. इलेक्ट्रॉनिक्स पर नई राष्ट्रीय नीति के तहत यह प्रस्ताव किया गया है जिसपर काम चल रहा है. 

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इसके लिए मिलेगा कर्ज

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘प्रति इकाई 100 करोड़ रुपये तक के मियादी कर्ज पर ऋण गारंटी देने का प्रस्ताव है. इसके लिए कुछ रेहन रखने की जरूरत नहीं होगी और न ही तीसरे पक्ष की गारंटी की जरूरत होगी. यह कर्ज नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकाई लगाने या मौजूदा संयंत्र के विस्तार के लिए दिया जाएगा. निवेश के आधार पर यह ‘कवर’ अलग-अलग मामलों में भिन्न होगा.’’ 

सूत्र ने बताया कि प्रस्ताव के अनुसार सरकार मंजूर कर्ज राशि के 50 प्रतिशत के बराबर गारंटी कवर उपलब्ध कराएगी. सूत्रों ने कहा कि इसके तहत मंत्रालय द्वारा नोडल एजेंसी के साथ मिलकर कोष का गठन करने का प्रस्ताव है. इस कोष के जरिये मियादी ऋण के लिए गारंटी उपलब्ध कराई जाएगी. मंत्रालय वार्षिक बजटीय आवंटन से नोडल एजेंसी को अग्रिम में ही कोष उपलब्ध कराएगा. 

सीजीएफ के लिए कोष सरकार देगी

सीजीएफ की स्थापना 1,000 करोड़ रुपये के कोष से होगी जो सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार लक्षित क्षेत्र से मिली प्रतिक्रिया के बाद सरकार दूसरे साल के बाद कोष के आकार की समीक्षा करेगी. इसके अलावा सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माताओं के लिए ब्याज सहायता योजना (आईएसएस) तैयार कर रही है. 

भारत में महंगा कर्ज मिल रहा

इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग चाहता है कि उसे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत दर पर कर्ज मिले. फिलहाल उद्योग को देश में मियादी ऋण पर 11 से 12 प्रतिशत कर्ज देना पड़ रहा है. अन्य देशों में इस तरह का कर्ज 5-7 प्रतिशत पर उपलब्ध है. उद्योग सरकार से मियादी ऋण पर 4 से 6 प्रतिशत की ब्याज सहायता मांग रहा है. सूत्र ने कहा कि प्रस्ताव के तहत आईएसएस योजना में उद्योग द्वारा संयंत्र और मशीनरी को लिए गए मियादी ऋण के ब्याज को आंशिक रूप से लौटाया जाएगा. यह योजना मूल्य श्रृंखला के सभी चरणों के लिए होगी जिसकी शुरुआत कच्चे माल से होगी.

(इनपुट एजेंसी से)