CPI Inflation: जुलाई में सब्जियों पर पड़ी मार का अब दिखेगा असर, रिटेल महंगाई में आ सकता है सीधे 1.90% का उछाल
CPI Inflation: बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास की अगुवाई में अर्थशास्त्रियों की यह रिपोर्ट जुलाई महीने में आने वाली मुद्रास्फीति के आंकड़े और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले आई है.
CPI Inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से जुलाई महीने की खुदरा महंगाई दर में तेज वृद्धि हो सकती है और यह पिछले महीने के मुकाबले 1.90 प्रतिशत बढ़कर 6.7 प्रतिशत तक जा सकती है. एक विदेशी बैंक के अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया है. डॉयचे बैंक इंडिया के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि जुलाई महीने की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो सकती है जो जून में 4.8 प्रतिशत थी. बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास की अगुवाई में अर्थशास्त्रियों की यह रिपोर्ट जुलाई महीने में आने वाली मुद्रास्फीति के आंकड़े और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले आई है.
RBI की मीटिंग के पहले आए आंकड़े
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है और मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा 10 अगस्त को की जाएगी. विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को इस बार भी यथावत रख सकता है. पिछली दो समीक्षा में नीतिगत दर में कोई वृद्धि नहीं की गयी है.
टमाटर और प्याज की कीमतें बढ़ाएंगी महंगाई
रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति बढ़ने का कारण टमाटर और प्याज की अगुवाई में खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी है. साथ ही चावल के दाम में भी बढ़े हैं. जरूरी 22 खाद्य वस्तुओं के दैनिक दाम 12.3 प्रतिशत बढ़े हैं जबकि जून में इसमें औसतन 2.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ था. प्रमुख सब्जियों में टमाटर के दाम जून में 236.1 प्रतिशत बढ़े जबकि जून में इसमें 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. वहीं प्याज की कीमत 4.2 प्रतिशत के मुकाबले 15.8 बढ़ी. आलू की कीमत जून के 5.7 प्रतिशत के मुकाबले जुलाई में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई.