कश्मीर की हसीं वादियां सबको घूमने के लिए आकर्षित करती हैं. ज्यादातर लोग ऐसी जगह पर अपने घर का सपना भी देखते हैं. यही नहीं कई ऐसे लोग हैं, जो रिटायरमेंट के बाद वहां शिफ्ट होने की प्लानिंग कर चुके होंगे. लेकिन, स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में पिछले कुछ दशकों में हालात तनावपूर्ण रहे हैं. वहीं, राज्य के विशेष दर्जे के चलते वहां प्रॉपर्टी खरीदना भी संभव नहीं था. लेकिन, सरकार के अनुच्छेद 370 (Article 370) के ज्यादातर प्रावधान हटाने के बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. क्योंकि, अब बाहरी लोग भी जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे. लेकिन क्या सच में वहां प्रॉपर्टी खरीदना आसान है?

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क्या अब राज्य में प्रॉपर्टी खरीदने के रास्ते खुलेंगे?

अभी तक वहां प्रॉपर्टी खरीदना आसान नहीं था. क्योंकि, राज्य में आर्टिकल 35A का प्रावधान था. यह जम्मू-कश्मीर की सरकार को अधिकार देता था कि स्थायी नागरिकों की परिभाषा तय करे. सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक को ही यहां जमीन खरीदने की इजाजत दी जाती थी. केंद्र की मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 के साथ ही आर्टिकल 35A को भी रद्द कर दिया है. ऐसे में अब बाहरी लोगों के लिए भी यहां जमीन या प्रॉपर्टी खरीदना आसान होगा. जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित हिस्सों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने के बाद दूसरे राज्यों के लोग भी यहां अचल संपत्ति खरीद सकते हैं. 

जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद लें या अभी थोड़ा और इंतजार करना चाहिए?

अगर आप जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में घर या जमीन खरीदना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों पर गौर करना होगा. लेकिन, अभी घर खरीदने का फैसला करना थोड़ी जल्दीबाजा भरा हो सकता है. क्योंकि, जानकारों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने से जुड़े नियमों में अभी स्पष्टता नहीं है. इसलिए निवेशकों को जल्दबाजी में निवेश का फैसला लेने से बचना चाहिए.

अगर इंतजार करना चाहिए तो सही वक्त कब होगा, जब प्रॉपर्टी में निवेश किया जा सकेगा? 

आर्टिकल 370 और 35ए हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में भी प्रॉपर्टी खरीदने पर केंद्र सरकार के सभी नियम और शर्तें लागू होंगी. लेकिन, अभी इसमें स्पष्टता जरूरी है. इसलिए राज्य से जुड़ी रेरा (RERA) की पॉलिसी जरूरी है. जम्मू-कश्मीर में अभी रेरा पॉलिसी बननी है. हो सकता है यह पॉलिसी दूसरे राज्यों से अलग हो. ऐसे में वहां के नियमों को जानने के बाद ही प्रॉपर्टी खरीदना सही होगा.

ठीक है इंतजार तो किया जा सकता है लेकिन, क्या निवेश के लिए यह बेहतर ऑप्शन होगा? 

एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अभी 35A को हटे चंद दिन बीते हैं. राज्य के लिए भी यह शुरुआती दिन हैं. निवेशकों को रियल एस्टेट के नियंत्रण से जुड़ी गवर्निंग बॉडी रेरा के एलान का इंतजार करना चाहिए. फिर भी अगर रेरा के ऐलान से पहले कोई प्रॉपर्टी खरीदनी है तो उसे किसी कानूनी विशेषज्ञ का सलाह लेनी चाहिए.

क्या कहती है एनरॉक प्रॉपर्टी की रिपोर्ट? 

एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ समय में टियर-2 और टियर-3 शहरों में रियल्टी की तरफ फोकस बढ़ा है. लेकिन, आर्थिक कारणों की वजह से सभी शहरों की अपनी चुनौतियां हैं. जम्मू-कश्मीर को अभी इकोनॉमिकली डेवलप होने में उसे थोड़ा समय लगेगा. केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में कई छोटे शहरों को शामिल किया जा चुका है. जम्मू-कश्मीर को भी इसमें शामिल किया जा सकता है. इसके पीछे कई वजह हैं- राज्य में रियल एस्टेट के लिए बड़ी संभावनाएं हैं. इंफ्रस्ट्रक्चर पर जोर देने की बात खुद सरकार कह चुकी है. दूसरे शहरों के मुकाबले जमीन को लेकर चुनौतियां भी कम होंगी. सस्ती जमीन होगी. जमीन अधिग्रहण भी आसान होगा.

कहां कितनी है कीमतें

शहर कीमत प्रति वर्ग फुट
जम्मू 2400-4000 रुपए
श्रीनगर 2500-3200 रुपए
बरामूला 2500-3200 रुपए
सोपोर 2200-4000 रुपए

स्रोत: एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स

क्या यह प्रॉपर्टी खरीदने का सही समय है?

इस सवाल का जवाब 'नहीं' है. इसकी वजह यह है कि अभी नियमों में स्पष्टता नहीं है. रेरा की नीतियां भी अभी स्पष्ट नहीं हैं. नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में डेवलपमेंट होना तय है. यहां निवेश के लिहाज से बड़ी संभावनाएं हैं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर निवेशकों के लिए बिल्कुल नए बाजार की तरह है. अभी वहां की वैल्यूएशन की जानकारी नहीं है. इससे निवेशकों के लिए प्रॉपर्टी की सही कीमत का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. अभी थोड़ा इंतजार करना ही बेहतर है.